लखनऊः वर्षों तक कांग्रेस पार्टी में रहने के बाद पिछले यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इमरान मसूद ने समाजवादी पार्टी की साइकिल की सवारी कर ली थी. उन्हें उम्मीद थी कि सपा मुखिया अखिलेश यादव उन्हें टिकट देंगे और वह समाजवादी पार्टी से विधायक बन जाएंगे, लेकिन अखिलेश ने उन्हें टिकट ही नहीं दिया. इसके बाद इमरान मसूद को उम्मीद थी कि समाजवादी पार्टी उन्हें एमएलसी बनाएगी, लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ. आखिरकार इमरान मसूद के सब्र का बांध टूट गया और अब उन्होंने साइकिल की सवारी छोड़ हाथी की सवारी कर ली. बुधवार को बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती से मिलकर इमरान मसूद ने बसपा का दामन थाम लिया. बसपा सुप्रीमो मायावती से मिलने करीब दो बजे इमरान पार्टी मुख्यालय पहुंचे. सवा घंटे तक बसपा सुप्रीमो के साथ उनकी मुलाकात चली, इसके बाद वह बाहर आए और उन्होंने मीडिया के तमाम सवालों के जवाब भी दिए. इस दौरान बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ट्वीट किया है. उन्होंने ट्वीट में कहा है कि उत्तर प्रदेश व खासकर पश्चिमी यूपी की राजनीति में इमरान मसूद एक जाना पहचाना नाम है, जिन्होंने आज अपने करीबी सहयोगियों के साथ मुझसे मुलाकात की.
बसपा ज्वाइन करने के बाद इमरान मसूद ने कहा कि बहन जी से ऐतिहासिक मुलाकात हुई. इससे पहले दिल्ली में एक बार मुलाकात हो चुकी थी. बसपा सुप्रीमो के सामने मैंने बहुजन समाज पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली है. अब मेरा लक्ष्य बहुजन समाज पार्टी को उत्तर प्रदेश में मजबूत करना है. उत्तर प्रदेश में बसपा की सरकार बने और मायावती देश की प्रधानमंत्री बनें इस लक्ष्य को पूरा करना है. अब मैं कई अन्य नेताओं को भी बहुजन समाज पार्टी से जोड़ने का काम करूंगा. पार्टी को मजबूत करूंगा. अखिलेश यादव से नाराजगी के सवाल पर इमरान मसूद ने कहा कि समाजवादी पार्टी में मेरे साथ क्या हुआ यह बताने की जरूरत नहीं है. मैं समाजवादी पार्टी में इसलिए गया था कि वह मजबूत है और भी मजबूत होगी. सपा की सरकार बनेगी, लेकिन जब इतना होने के बावजूद सपा सरकार नहीं बना पाई, तो यह भी समझ आ गया कि समाजवादी पार्टी के पास अपना वोटर बचा ही नहीं है, इसलिए समाजवादी पार्टी छोड़कर बहुजन समाज पार्टी ज्वाइन करने का फैसला लिया है. लोकसभा चुनाव में सहारनपुर से बसपा के उम्मीदवार होने के ईटीवी भारत के सवाल पर इमरान मसूद ने कहा कि मैं उम्मीदवार बनने नहीं आया. मैंने बसपा ज्वाइन की है. मैं पार्टी के लिए काम करूंगा.
मायावती ने कहा कि वह समाजवादी पार्टी छोड़कर अच्छी नियत व पूरी ईमानदारी से काम करने के वादे के साथ बीएसपी में शामिल हो गए. जिसका तहे दिल से स्वागत, साथ ही पार्टी में काम करने के इनके जबरदस्त जोश व उत्साह को देखकर आज ही उन्हें पश्चिमी यूपी बीएसपी का संयोजक बनाकर वहां पार्टी को हर स्तर पर मजबूत बनाने व खासकर अकलियत समाज को पार्टी से जोड़ने की भी विशेष जिम्मेदारी सौंपी गई. आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव के बाद व स्थानीय निकाय चुनाव से पहले मसूद व अन्य लोगों का बीएसपी में शामिल होना यूपी की राजनीति के लिए इस मायने में शुभ संकेत है कि मुस्लिम समाज को भी यकीन है कि भाजपा की दोषपूर्ण राजनीति से मुफ्त के लिए सपा नहीं बल्कि बीएसपी ही जरूरी. मायावती ने कहा कि बीएसपी ने पार्टी संगठन और अपनी सभी सरकारों में भी गरीबों, महिलाओं व अन्य उपेक्षित आदि के हित एवं कल्याण को सर्वोपरि रखते हुए अपने कार्यों से यह साबित किया है कि सर्व समाज का हित, रोजी, रोजगार सुरक्षा व धार्मिक स्वतंत्रता बीएसपी में ही संभव है.