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मासूम हत्याकांड में पुलिस की लापरवाही, शव की दुर्दशा के चलते दुविधा में पास्को एक्ट की कार्रवाई

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Published : Jun 8, 2019, 9:06 PM IST

अलीगढ़ मासूम हत्याकांड को लेकर पूर्व डीजीपी बृजलाल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि संभावनाएं हैं कि बच्ची के साथ दुष्कर्म किया गया हो, लेकिन शव इतना क्षतिग्रस्त हो गया है कि जांच में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हो पा रही है.

शव की दुर्दशा के चलते दुविधा में पास्को एक्ट की कार्रवाई

लखनऊ:अलीगढ़ में मासूम बच्ची की दर्दनाक हत्या के मामले में पुलिस ने भले ही अब तक 4 गिरफ्तारियां कर ली हो, लेकिन पुलिस की लापरवाही के चलते बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना की पुष्टि नहीं हो पा रही है. बताते चलें संभावनाएं हैं कि हत्या से पहले बच्ची के साथ दुष्कर्म किया गया हो, लेकिन शव के क्षतिग्रस्त हो जाने के चलते पोस्टमार्टम में इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है. लिहाजा अब शव की जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा गया है. वहां से दुष्कर्म की पुष्टि होने के बाद आरोपियों के ऊपर पोस्को एक्ट के तहत कार्रवाई की जा सकती है.

शव की दुर्दशा के चलते दुविधा में पास्को एक्ट की कार्रवाई.

दुष्कर्म की पुष्टि होने में लग रहा है समय

  • घटना को करीब से देखें तो 30 तारीख को बच्ची की हत्या की घटना को अंजाम दिया गया था.
  • पुलिस ने शव को 2 तारीख को बरामद किया, 2 दिनों में गर्मी के चलते शव बुरी तरीके से क्षतिग्रस्त हो गया है.
  • बच्ची के परिवार वालों का कहना है कि बच्ची के गुम होने की सूचना पहले ही पुलिस को दे दी गई थी.
  • ऐसे में क्राइम एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर पुलिस सूचना पाते ही तुरंत हरकत में आ जाती तो बच्ची के शव को पहले ही बरामद कर लिया जाता.
  • बच्ची के साथ दुष्कर्म को लेकर संशय भी मिटाया जा सकता था, लेकिन अब पुलिस की लापरवाही के चलते दुष्कर्म की पुष्टि होने में समय लग रहा है.
  • जिससे आरोपियों पर पास्को एक्ट के तहत कार्रवाई नहीं हो पा रही है.

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जिस तरीके से इस घटना को अंजाम दिया गया है. पुलिस इसे हत्या का मामला दर्ज कर कार्रवाई कर रही है. इसकी भी संभावनाएं हैं कि बच्ची के साथ दुष्कर्म किया गया हो, लेकिन शव इतना क्षतिग्रस्त हो गया है कि जांच में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हो पा रही है. लिहाजा पोस्को एक्ट के तहत कार्रवाई नहीं की गई है. अगर दुष्कर्म की पुष्टि होती है तो पोस्को के तहत कार्रवाई की जाएगी. पुलिसकर्मियों को ऐसी घटनाओं पर संवेदनशीलता बरतने की हिदायत दी है.

-बृजलाल, पूर्व डीजीपी, उत्तर प्रदेश

क्या है पूरा मामला

  • अलीगढ़ के टप्पल में 30 माई को एक मासूम बच्ची की गुमशुदगी को लेकर संबंधित थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई.
  • 3 दिन बाद 2 मई को बच्ची का शव उसी के घर के पास बरामद किया गया.
  • बरामद शव पूरी तरीके से क्षतिग्रस्त था, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जो तथ्य सामने आए वह दिल दहलाने वाले थे.
  • घटना को अंजाम देने वालों ने बच्ची को बुरी तरीके से मारा था, पोस्टमार्टम के अनुसार बच्ची के नाक व माथे को जोड़ने वाली हड्डी टूटी हुई थी.
  • पैर में फ्रैक्चर था, जिसके चलते बच्ची की सदमे से मौत हो गई.
  • बच्ची की हत्या करने वालों ने दरिंदगी की सारी हदें पार कर दी.
  • पोस्टमार्टम के दौरान पता चला कि आरोपियों ने बच्ची की किडनी तक निकाल ली.
  • पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद मामले की गंभीरता सामने आई, जिसके बाद बच्ची के पिता किस साथ काम करने वाले चार आरोपियों को पुलिस
  • ने गिरफ्तार किया है.

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गुमशुदगी कि शिकायतों पर पुलिस असंवेदनशील नजर आती है. कई बार जब पीड़ित की शिकायत करने थाने में पहुंचते हैं, तो पहले पुलिस एफआईआर तक नहीं लिखती और गुमशुदा को अपने स्तर से ढूंढने की बात कहती है. ऐसे में गुमशुदगी की घटनाएं बाद में बड़ी घटना के रूप में सामने आती हैं. देरी हो जाने से सबूत जुटाने में पुलिस को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, जिससे आरोपी आसानी से बच निकलते हैं.

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