लखनऊ : नई दिल्ली में नए-नए कांग्रेसी बने पूर्व कैबिनेट मंत्री नकुल दुबे (Former cabinet minister Nakul Dubey ) शुक्रवार को लखनऊ पहुंचे. इस मौके पर कांग्रेस की तरफ से एक प्रेस वार्ता का भी आयोजन किया गया. नकुल दुबे ने भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) से लेकर बहुजन समाज पार्टी (Bahujan samaj party) तक की तल्ख टिप्पणी की. मीडिया को संबोधित करते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री नकुल दुबे ने कहा कि आज 27 मई है. आज ही के दिन पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु (Former Prime Minister Pandit Jawaharlal Nehru) हम सबके बीच से चले गए थे.
यह शायद हमारे देश और प्रदेश की विडंबना है कि हम लोग धीरे-धीरे अपने बड़े-बुजुर्गों का सम्मान करना भूल गए हैं. उन्होंने कहा, 'आज मैं अपनी वास्तविक जगह पर पहुंच कर काफी भावविभोर हो गया हूं. यह मेरी वास्तवित जगह थी लेकिन मैं 20-22 साल पहले किन परिस्थितियों में भटक गया था. इतना जरूर कहूंगा कि अगर हमारे पूर्वजों से कोई त्रुटि भी होती है तो हम उसे अनदेखा करके गर्व से कहते हैं कि हम फलाने की पीढ़ी के हैं और उन्होंने हमारे देश को आजादी दिलाई थी. इन्हीं पूर्वजों के त्याग (renunciation of ancestors) की वजह से आज हम 2022 में आजादी का सुख ले रहे हैं'.
भारतीय नाम लगी संस्थाओं को बेंचा जा रहा है :पूर्व कैबिनेट मंत्री ने केंद्र की मोदी सरकार (Modi government at the center) पर जमकर हमला किया. उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों में विकास हुआ है. संपत्ति तैयार हुई. उसी संपत्ति को बेच-बेच कर वह लोग कहते हैं भारत माता की जय. उन्होंने कहा कि लगातार बिकवाली चल रही है. प्रदेश ही नहीं पूरे देश में बिकवाली चल रही है. जहां-जहां भारतीय नाम लगा है. उस नाम को हटाकर कुछ और जोड़कर लोग अपनी पीठ थपथपाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उम्मीद सिर्फ कांग्रेस से है. जो बिगड़ गया है, उसे बनाने की उम्मीद भी कांग्रेस से है. इस देश में भाईचारा बनाने की भी कांग्रेस से ही उम्मीद है.
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कांग्रेस को विधायकों की संख्या की चिंता नहीं :मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश का ही नहीं बल्कि हमारे पूरे देश का भविष्य खतरे में है. कांग्रेस ने कभी विधायकों की संख्या को लेकर चिंता नहीं की. चिंता देश की है. उन्होंने कहा कि वह खुद कांग्रेस में शामिल होने के लिए गए थे. बसपा छोड़ने को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में नकुल दुबे ने कहा कि बसपा से बकायदा ऑफिशियल निकाला गया था. अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप लगाए गए थे.