लखनऊ : उत्तर प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2023-24 (Uttar Pradesh financial year 2023-24) के लिए बजट लाए जाने को लेकर वित्त विभाग के स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं. जिससे समय रहते सभी विभागों से प्रस्ताव तैयार कराया जाए. जिससे योगी सरकार विधानसभा चुनाव में किए गए वादों को 2023 के बजट में प्रावधान करके उन्हें पूरा करने की तैयारी कर सके. खास बात यह रहेगी कि इस बजट के माध्यम से तमाम ऐसी बड़ी घोषणाएं की जाएंगी. जिससे भारतीय जनता पार्टी की सरकार को लोकसभा चुनाव 2024 में काफी मदद मिल सके. लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए तमाम नई योजनाएं भी शुरू किए जाने के प्रावधान बजट में दिखाए जा सकते हैं. वित्त विभाग की तरफ से सभी विभागों से प्रस्ताव भी मांगे गए हैं. मुख्य रूप से सरकार की योजनाओं को आगे बढ़ाने में अगले वर्ष के बजट में तमाम नए तरह के प्रावधान किए जा सकते हैं, जिसमें बेरोजगारी दूर करने को लेकर कई नई योजनाएं शुरू की जा सकती हैं. एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा दिए जाने के लिए बजट में कई प्रावधान हो सकते हैं. इसके अलावा महिला और किसानों पर विकेंद्रित कई घोषणाएं शामिल हो सकती हैं.
वित्त विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार की कोशिश है कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले तमाम लोक लुभावने वादे शामिल किए जाएं. बजट में प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को इसका फायदा मिल सके. उसी के अनुरूप बेरोजगारी कम करने किसानों को अधिक राहत देने ऐसे तमाम बड़े फैसले बजट में किए जा सकते हैं और उसको लेकर बजट में तमाम तरह के वित्तीय प्रावधान किए जाएंगे. इसी के अनुरूप बजट की तैयारी की जा रही है.
वित्त विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि 2023-24 का बजट तैयार करने के लिए विभाग के स्तर पर तैयारियां तेज कर दी गई हैं. सभी विभागों से 30 नवंबर तक आकलन प्रस्ताव मांगे गए हैं. विभागों से यह भी कहा गया है कि सरकार की योजनाओं को पूरा करने के लिए नई मांगों के प्रस्ताव के लिए समय सीमा का इंतजार न किया जाए. नई अनुदान मांगों के प्रस्ताव जिस प्रकार तैयार हों उसी तरह से वित्त विभाग को उपलब्ध करा दिया जाए. इसके साथ ही वित्त और संबंधित विभाग के प्रशासनिक स्तर पर उन प्रस्तावों का परीक्षण करा लिया जाए. वित्त विभाग की तरफ से कहा गया है कि आगामी वित्तीय वर्ष के लिए तैयार किए जाने वाले बजट में नए निर्माण कार्यों के लिए बजट व्यवस्था करने पर सामान्यता तभी विचार किया जाएगा, जब पुराने अधूरे कार्यों के लिए बजट आवंटन सुनिश्चित हो जाएगा. खास बात यह भी कहा गया है कि तमाम विभागों के स्तर पर हर साल में नए वाहनों की खरीद प्रक्रिया को लेकर भी प्रस्ताव शामिल किया जाता है, इस बार इसे नहीं भेजने की बात कही गई है. अनावश्यक खर्च से बचने की बात कही गई है. इसके अलावा सभी विभागीय योजनाओं की समीक्षा और अनुपयोगी योजनाओं को समाप्त करने पर प्रस्ताव बनाने के लिए कहा गया है. प्रशासनिक ढांचे को दुरुस्त करते हुए उसका पुनर्गठन करने के प्रस्ताव की बात भी कही गई है. सरकार के प्रमुख वादों को ध्यान में रखते हुए घोषणा तैयार करने की बात कही गई है.
भाजपा के प्रवक्ता हरीश चंद्र श्रीवास्तव कहते हैं कि सरकार की प्रक्रिया रही है बजट के पूर्व सभी संबंधित विभागों से विभाग के बजट के प्रस्तावों और उसकी रूपरेखा बनाई जाती है. जो योजनाएं हैं उसको लेकर और प्रशासनिक व्यय का लेखा जोखा मांगा जाता है. एक लंबी प्रक्रिया चलती है योजनाओं को लेकर. हर विभाग के तरफ से प्रस्ताव सरकार की तरफ से भेजे जाते हैं. सरकार बेहतर बजट बनाती है उसको लेकर प्रक्रिया चलती है. अच्छा बेहतर बजट कैसे बने उसको लेकर सरकार प्रयास कर रही है.