लखनऊ: NIA की लखनऊ यूनिट ने कोलकाता से सरीफुल को गिरफ्तार करने के साथ बीते एक हफ्ते के अंदर ग्वालियर, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और यूपी के आगरा से ताबड़तोड़ छापामारी की. कई राज्यों में नकली नोटों के तस्करों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. NIA सरीफुल को कोलकाता से ट्रांजिट रिमांड पर लेकर लखनऊ आ रही है, यहां NIA की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा.
NIA के प्रवक्ता ने बताया कि पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के भागबनपुर के रहने वाले सरीफुल की गिरफ्तारी, दिसंबर 2019 में गाजियाबाद से गिरफ्तार किए गए मोहम्मद मुराद आलम के मामले में हुई है. मुराद आलम के पास से 2.49 लाख रुपये के नकली नोट बरामद हुए थे. बाद में इस मामले की जांच एनआईए ने ले ली थी. इस मामले में मुराद आलम, शहनवाज आलम और तौसीफ आलम के खिलाफ NIA ने चार्जशीट दाखिल की थी. जांच के दौरान पता चला कि तौसीफ को नकली नोटों की खेप सरीफुल ने उपलब्ध कराई थी. सरीफुल के संपर्क सीमा पार बांग्लादेश में हैं, जहां से वह नकली नोट खरीद कर लाता था.
भारतीय मुद्रा नोट (FICN) की तस्करी को लेकर NIA और IB सतर्क NIA को जांच में पता चला कि इस्लाम फरार कर्नाटक से इस गोरखधंधे को अंजाम देता था. अब NIA फरार बांग्लादेशी सप्लायरों की तलाश कर रही है. शुरुआती पूछताछ में खुलासा हुआ कि सरीफुल के तार भी बिहार के सिवान और गोरखपुर के तस्करों से जुड़े हैं. अब NIA ने इस कड़ी को जोड़ते हुए गोरखपुर और बिहार के सिवान में पड़ताल शुरू कर दी है.13 जुलाई को ग्वालियर पुलिस की मदद से NIA ने बदनापुरा निवासी रोहन बेड़िया नाम के एक व्यक्ति को नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया. जिससे पूछताछ में पता चला कि नोट आंध्रप्रदेश के श्रीकाकुलम निवासी उसके दोस्त रूसी करकुल्ला ने दिए थे. इसके बाद ग्वालियर पुलिस ने उसे तेलंगाना के वारंगल स्टेशन पर जीआरपी की मदद से पकड़ लिया. उसके पास से 3 लाख 60 हजार रुपए के नकली नोट बरामद हुए. खुलासा हुआ कि नोट उसके दोस्त जो विशाखापटनम में रहता था, उसने दिलवाये थे. उसने काफी नकली नोट मुंबई के मार्केट में सप्लाई कर दिए और कुछ नोट उसके घर आंध्र प्रदेश रखे थे.
दूसरी टीम पुलिस रूसी करकुल्ला को लेकर आंध्र प्रदेश रवाना हुई. वहां उसके घर से 28 हजार रुपए के नकली नोट बरामद हुए. यहां रूसी ने बताया कि यह नोट उसे उसका दोस्त विशाखापटनम निवासी प्रसाद देता थाय पुलिस प्रसाद के घर पहुंची, तो पता लगा कि वह हैदराबाद गया है. वहां से नागपुर फिर मुम्बई जाने का पता लगा. आगरा में जब वो नकली नोट की नई डील करने के लिए निकला, तो उसके साथ में सिवान बिहार निवासी मोहम्मद युसूफ भी था. इसके बाद 3 जुलाई को आगरा में सिकंदरा हाइवे पर प्रसाद और मोहम्मद यूसुफ को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. दोनों के बैग की तलाशी ली गयी, तो एक- एक लाख रुपए के नकली नोट बरामद हुए. इनमें 100, 200, 500 रुपये के नकली नोट शामिल थे.
आरोपितों से पूछताछ के बाद खुलासा हुआ कि युसूफ गोरखपुर के कैंट इलाके के रानीडिहा में किराए का कमरा लेकर रहता था. उसने गोरखपुर एवं सिवान से नकली नोट मिलने और उनको दिल्ली, मुम्बई, आगरा, ग्वालियर, आन्ध्रप्रदेश के कई शहरों में सप्लाई करने की बात स्वीकार की. पकड़े गए तीनों आरोपियों रूसी करकुल्ला, प्रसाद व मोहम्मद युसूफ से पता लगा कि इंटरस्टेट रैकेट का मास्टर माइंड राजन तिवारी है जो बिहार में सिवान का रहने वाला है. वो अभी पुलिस के हाथ नहीं आया. राजन ही नोट लाकर इन्हें देता था. 40 हजार रुपए में 1 लाख रुपए के नकली नोट मिलते थे.
उच्च गुणवत्ता वाले नकली भारतीय मुद्रा नोट (FICN) की तस्करी को लेकर NIA और IB सतर्क हो गई. मामले के सभी आरोपी FICN रैकेट के सदस्य हैं, जिसमें FICN को बांग्लादेश से सीमा पार से लाया जा रहा था. आरोपी मोहम्मद मुराद आलम ने आरोपी तौसीफ आलम से उच्च गुणवत्ता वाले नकली भारतीय मुद्रा नोट (एफआईसीएन) की खेप प्राप्त की थी और आरोपी शाहनवाज अंसारी को पहुंचाने के लिए खेप ले गया था. जांच में पाया गया कि गिरफ्तार आरोपी सरीफुल इस्लाम ने आरोपी तौसीफ आलम को FICN की खेप दी थी. इसके बांग्लादेश में संपर्क हैं, जहां से वह FICN खरीदता था.