लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा है कि, वह राज्य की इकॉनामी (state economy) को एक ट्रिलियन बनाएंगे. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि वर्तमान समय में 20 लाख करोड़ की इकोनॉमी को वन ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के दावे कहीं हवा हवाई न साबित हो जाएं.
आखिर कैसे इतना बड़ा लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा. सिर्फ पांच साल में कैसे और क्या- क्या कुछ बड़े काम करने होंगे. जिससे एक ट्रिलियन इकॉनमी की अर्थव्यवस्था पहुंचाई जा सके. राजनीतिक विश्लेषकों और अर्थशास्त्रियों का दावा है कि यह काफी कठिन है. लेकिन इसे पूरा भी किया जा सकता है. इसे पूरा करने में तमाम तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.
उत्तर प्रदेश की जीएसडीपी चालू कीमतों पर वर्ष 2022-23 के लिए 20 लाख 48 हजार करोड़ रुपये अनुमानित है. यह वर्ष 2021-22 के मुकाबले 17.1 फीसदी ज्यादा है. इसे वर्ष 2026-27 तक वन ट्रिलियन डॉलर पर ले जाने का लक्ष्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रखा है.
मोटे तौर पर मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश की जीएसडीपी का आकार लगभग 280 बिलियन डॉलर बैठता है. इस तरह यदि से 3.6 गुना बढ़ाया जाए तब वन ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है, जो काफी कठिन और एक चुनौतीपूर्ण लक्ष्य है. सवाल यह है इतनी बड़ी चुनौतियों को सीएम योगी पार पाएंगे या नहीं? सरकार का दावा है कि बेहतर प्रबंधन बेहतर निवेश लाने की योजनाएं जैसे शासन के कामकाज के माध्यम से इसे प्राप्त किया जा सकता है.
उत्तर प्रदेश की सकारात्मक नीतियों के माध्यम से सभी क्षेत्रों के विकास को आगे बढ़ाना होगा. इस दिशा में एक और पूंजी निवेश को बढ़ाना होगा. साथ ही विकास की विभिन्न परियोजनाओं को समय से पूरा करना बड़ी चुनौती होगी. ऐसा होने से अर्थव्यवस्था की समग्र कुशलता और उत्पादकता को बढ़ाया जा सकेगा और इससे ग्रोथ की रफ्तार तेज होगी. यह तभी संभव होगा जब जवाबदेही, पारदर्शिता और मितव्ययिता पर टिकी सुशासन प्रणाली पर अमल होगा.
बेहतर निवेश के साथ ही खेती की ग्रोथ को 3 गुना तक बढ़ाकर बेहतर काम किया जा सकता है. गांव में खेती और गैर खेती की क्रियाओं के बीच बेहतर तालमेल से ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास की गति को उल्लेखनीय और पर तेज किया जा सकता है. वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट की काफी अहम भूमिका निभा रही है.
नवाचार और बेहतर ब्रांड (Innovation and better brands) इन तथा मार्केटिंग सुविधाओं से इसकी उत्पादन रोजगार तथा निर्यात की संभावनाओं को प्रचुर रूप से बढ़ाया जा सकता है. एमएसएमई सेक्टर का भी अहम योगदान है. आईटी, मेडिकल, शिक्षा, डेटा तंत्र और रक्षा क्षेत्र के तेज विकास की भूमिका अहम होगी.
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खास बात यह है कि, उत्तर प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर के साथ-साथ डिफेंस सेक्टर में तमाम बड़े काम हो रहे हैं. रक्षा क्षेत्र के हथियार बनाने जैसे काम उत्तर प्रदेश में हो रहे हैं, जो उत्तर प्रदेश को विकास की राह पर आगे ले जाने और अर्थव्यवस्था को और अधिक रफ्तार देने में काफी कारगर साबित हो सकते हैं.