लखनऊ : प्रदेश के आबकारी एवं मद्य निषेध मंत्री नितिन अग्रवाल ने कहा कि विभाग के क्रियाकलापों में राजस्व के साथ औद्योगिक विकास का भी महत्वपूर्ण स्थान है. प्रदेश में विकास के क्रम में आबकारी विभाग नए उद्योगों की स्थापना कर रहा है. साथ ही पहले से चली आ रहीं जटिल व्यवस्थाओं और नियमों को सरल करके कार्यों को कराने का काम किया जा रहा है. 'ईज ऑफ डुइंग बिजनेस' के सिद्धांत को अपनाते हुए लगातार कार्य किए जा रहे हैं.
आबकारी राज्यमंत्री ने कहा कि आबकारी विभाग द्वारा 100 दिवस की कार्य योजना बनाई गई थी, जिसके अंतर्गत तीन नई आसवनियों को स्थापित किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. जिसके परिप्रेक्ष्य में तीन ईकाइयों मेसर्स रेडिको खेतान सीतापुर, मेसर्स करीमगंज बायोफ्यूल मुरादाबाद और मेसर्स क्रिस्टकल बालाजी मुजफ्फरनगर को आसवनी स्थापित किए जाने की अनुमति प्रदान की गई है. इन आसवनियों की स्थापना से 793.37 करोड़ रुपये का निवेश तथा लगभग 3,600 नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे. इनमें उत्पादन प्रारंभ होने के बाद लगभग 6,070 करोड़ रुपये का राजस्व राज्य सरकार को तथा 25 करोड़ रुपये का राजस्व केंद्र सरकार को वार्षिक रूप से प्राप्त होगा. इसका 50 प्रतिशत राज्य सरकार को उपलब्ध कराया जाएगा.
उन्होंने बताया कि एथेनॉल ब्लेंडिंग प्रोग्राम के अंतर्गत एथेनॉल उत्पादन में उत्तर प्रदेश का प्रमुख स्थान रहा है. वर्तमान में ऑयल डिपो को एथेनॉल की आपूर्ति करने के साथ-साथ देश के अन्य राज्यों को भी आपूर्ति कर रहा है. एथेनॉल ब्लेंडिंग प्रोग्राम की सफलता से विदेशी मुद्रा की बचत सुनिश्चित हो सकेगी. इससे प्रदेश की जीडीपी में लगभग 2,221.45 करोड़ रुपये का योगदान होगा. मंत्री ने बताया कि सौ दिवसीय कार्ययोजना के अन्तर्गत अवैध शराब के निर्माण, बिक्री तथा तस्करी की रोकथाम के लिए दो विशेष प्रवर्तन अभियान चलाए जाने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया था. जिसमें पहला प्रवर्तन अभियान 21 अप्रैल से पांच मई 2022 तक चलाया गया. इस अभियान के अंतर्गत प्रदेश में 30,010 छापे मारे गए. 4,319 अभियोग दर्ज किए गए. 1.25 लाख लीटर अवैध शराब बरामद की गई. 417 अभियुक्तों को जेल भेजा गया.