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चेकिंग के दौरान परिवहन अधिकारी के ड्राइवर की बस की टक्कर से मौत, चालक फरार, जानिये कब-कब हुईं घटनायें - बस चालक फरार

रात में चेकिंग अभियान के दौरान परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ घटनाओं के कई मामले सामने आये हैं. मंगलवार को यात्री कर अधिकारी आशुतोष उपाध्याय सुबह सुल्तानपुर रोड पर चेकिंग कर रहे थे. तभी ओवरटेक करने के चक्कर में एक बस चालक ने उनके ड्राइवर को टक्कर मार दी.

परिवहन आयुक्त कार्यालय
परिवहन आयुक्त कार्यालय

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Published : Jun 21, 2022, 10:33 PM IST

लखनऊ: मंगलवार तड़के हुई घटना ने एक बार फिर चेकिंग के दौरान विभागीय अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं. यात्री कर अधिकारी आशुतोष उपाध्याय सुबह सुल्तानपुर रोड पर चेकिंग कर रहे थे. इस दौरान ओवरटेक करने के चक्कर में एक बस चालक ने उनके ड्राइवर को टक्कर मार दी. बस का नंबर अधिकारी देख पाते इससे पहले ही बस लेकर चालक फरार हो गया. आनन-फानन में चोटिल ड्राइवर को अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन इजहार की जान नहीं बचाई जा सकी.

चेकिंग के दौरान परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ इससे पहले भी कई घटनाएं हो चुकी हैं. कुछ साल पहले लखनऊ के कमता चौराहे पर चेकिंग अभियान के दौरान एक बस ने ट्रक को टक्कर मार दी थी. इस घटना में सुरक्षाकर्मी विधान चंद्र तिवारी की मृत्यु हो गई थी. आरटीओ शिखर ओझा सीतापुर में चेकिंग कर रहे थे. उनके साथ भी चेकिंग अभियान के दौरान घटना घटित हुई थी. इसके अलावा सीतापुर रोड पर एआरटीओ पंकज सिंह चेकिंग अभियान चला रहे थे. इस दौरान उनके सिपाही शकील के साथ भी दुर्घटना घटित हुई थी. यात्री कर अधिकारी केके मिश्रा के साथ बंगला बाजार में चेकिंग के दौरान एक वकील ने अभद्रता की थी. इसके अलावा पीजीआई इलाके में अधिकारी अनीता वर्मा पर एक ट्रांसपोर्टर ने रिवाल्वर तान दी थी. पारा में पीटीओ स्व. प्रतिज्ञा श्रीवास्तव के साथ भी चेकिंग के दौरान दुर्व्यवहार हुआ था. मड़ियांव में तत्कालीन एआरटीओ प्रवीण कुमार और आलोक कुमार के साथ भी ट्रांसपोर्टरों ने अभद्रता करने का प्रयास किया था. इसके अलावा यात्री कर अधिकारी एसपी सिंह ने भी चेकिंग अभियान के दौरान हमले को लेकर हजरतगंज, मानकनगर और इटौंजा थाने में मुकदमा लिखाया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई थी.

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इन घटनाओं से अंदाजा लगाया जा सकता है कि रात में चेकिंग अभियान के दौरान परिवहन विभाग के अधिकारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. जहां तक बात सुरक्षाकर्मियों की करें तो इनकी संख्या परिवहन विभाग में दिन पर दिन कम होती जा रही है. जिसकी वजह से इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने में अवैध वाहन संचालक सफल हो जाते हैं.

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