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डिहाइड्रेशन के कारण गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ता है बुरा असर, ऐसे रखें ख्याल - वीरांगना झलकारी बाई अस्पताल

गर्भावस्‍था एक ऐसा समय है जिसमें महिलाओं को अपना बहुत ख्‍याल रखने की जरूरत होती है. इस नाजुक समय में कई तरह की परेशानियां आने का भी खतरा रहता है. इनमें से एक डिहाइड्रेशन भी है. डॉ. रंजना खरे बता रहीं हैं इससे बचाव का तरीका..

डिहाइड्रेशन के कारण
डिहाइड्रेशन के कारण

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Published : May 3, 2022, 4:27 PM IST

लखनऊ: डिहाइड्रेशन एक आम परेशानी है. हालांकि गर्भवती महिला के लिए डिहाइड्रेशन एक गंभीर समस्या है क्योंकि इससे उनके गर्भ में पल रहे शिशु पर असर पड़ता है. समस्या कितनी गंभीर है, इससा अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इन दिनों महिला अस्पतालों में डिहाइड्रेशन से पीड़ित बहुत सारी गर्भवती महिलाएं इमरजेंसी में भर्ती हो रहीं हैं.

इस संदर्भ में वीरांगना झलकारी बाई अस्पताल की सीएमएस डॉ. रंजना खरे ने बताया कि गर्मी के दिनों डिहाइड्रेशन एक आम समस्या है. हालांकि गर्भवती महिलाओं को इससे ज्यादा दिक्कतें होती हैं. अस्पताल में आए दिन ऐसे केस आते हैं जिसमें गर्भवती महिला की हालत गर्मी की वजह से खराब रहती है. गर्मी में जितना हो सके उतना सादा खाना खाना चाहिए.

डिहाइड्रेशन के कारण गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ता है बुरा असर, ऐसे रखें ख्याल

वीरांगना झलकारी बाई अस्पताल (Veerangana Jhalkari Bai Hospital) की सीएमएस डॉ. अंजना खरे ने बताया कि इस समय अस्पताल की ओपीडी में 300 से अधिक महिलाएं इलाज के लिए आ रही हैं. मौसम बदल रहा है. ऐसे में बहुत सारी महिलाओं में ग्लूकोज की कमी हो रही है. गर्भावस्था के दौरान अगर ग्लूकोज की कमी होती है तो इसका सीधा असर गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ता है. ऐसी महिलाओं को इमरजेंसी ट्रीटमेंट दिया जाता है. डॉ. खरे ने बताया कि इस मौसम में गन्ने का जूस, बेल का जूस, मौसमीय फल इत्यादि का सेवन करें. यह शरीर में एनर्जी देते हैं. साथ ही खानपान का विशेष ख्याल रखें.

क्वीन मेरी महिला अस्पताल की प्रवक्ता डॉ. रेखा सचान ने बताया कि इस समय मौसम बदल रहा है. ऐसे में जब भी कोई महिला इमरजेंसी में आती है तो तुरंत दो बोतल ग्लूकोस चढ़ाया जाता है. साथ में यह भी उनसे कहा जाता है कि खानपान पर विशेष ध्यान दें. अत्यधिक पानी पिएं. डॉ. सचान ने बताया कि सबसे बड़ी दिक्कत होती है डिहाइड्रेशन की. महिलाएं पानी कम पीती हैं. गर्मी का मौसम है. इस मौसम में 4 से 5 लीटर पानी नॉर्मल लोगों को पीना चाहिए. ऐसे में आप समझ सकते हैं कि गर्भवती महिलाओं को गर्मियों के मौसम में पानी पीते रहना चाहिए.

गर्भवतियों के साथ एक समस्या यह भी होती है कि इस समय मौसम गर्म है. खानपान में भी ऐसी कोई भी चीज नहीं खानी चाहिए जिससे शरीर में गर्माहट पहुंचे. गर्भ में जब नवजात पल रहा होता हैं, उस समय महिला को गर्मी का एहसास अत्यधिक होता है. ऐसे में लिक्विड में जैसे जूस इलेक्ट्रोल रसना इत्यादि का सेवन करना चाहिए ताकि पेट में ठंडक बनी रहे.

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गर्मी में ऐसा रखें खान-पान

- अत्यधिक पानी पिएं.

- खाने के साथ सलाद जरूर ले.

- छाछ, दूध व दही का सेवन करें.

- गर्मी के मौसम में हल्का खाना खाए, तेल मसाला का त्याग करें.

- इलेक्ट्रॉल, ग्लूकोन-डी, ओआरएस, रूआबजा, सरबत व रसना का सेवन ड्रिंक के तौर पर कर सकते हैं. इसके सेवन से ठंडक और एनर्जी भी मिलेगी.

- इस समय गर्मी का मौसम है तो ऐसे में बचा हुआ खाना बिल्कुल भी ना खाएं. ताजा खाना बना कर और ठंडा करके खाए.

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