लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार में भूपेंद्र सिंह चौधरी (Bhupendra Singh Chowdhary) के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद योगी मंत्रिमंडल (Yogi Cabinet) के विस्तार की कवायद अंदर खाने में शुरू हो गई है. भाजपा सरकार से लेकर संगठन तक मंत्रिमंडल विस्तार कर कई चेहरों को समायोजित करने की सुगबुगाहट सुनाई दे रही है. वर्तमान समय में 5 नए चेहरों को मंत्रिमंडल में समायोजित किया जा सकता है. इसको लेकर बीजेपी नेतृत्व जाति समीकरण के साथ-साथ सामाजिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल का विस्तार आने वाले कुछ समय में कर सकता है. भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) से जुड़े सूत्र बताते हैं कि भूपेंद्र सिंह चौधरी के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद अब पंचायती राज विभाग (Panchayati Raj Department) में किसी को समयोजित किया जा सकता है. भूपेंद्र सिंह चौधरी ने पंचायती राज मंत्री पद से अपना त्यागपत्र भी दे दिया है.
वहीं सूत्रों का कहना है कि पंचायती राज विभाग की जिम्मेदारी योगी सरकार के किसी वरिष्ठ मंत्री को दी जा सकती है. ग्राम्य विकास विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को भी विभाग दिया जा सकता है. पंचायती राज विभाग, ग्राम्य विकास विभाग को मिलाकर एक नया मंत्रालय बनाए जाने की भी सुगबुगाहट सुनाई दे रही है. चर्चा यह भी है कि केशव प्रसाद मार्ग का कद बढ़ाया जा सकता है. सूत्रों का कहना है कि जब तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं होगा या किसी अन्य मंत्री को पंचायती राज विभाग की जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी तब तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) अपने पास ही विभाग रख सकते हैं.
जानकारी देते भाजपा के प्रवक्ता आनंद दुबे वहीं दूसरी तरफ सूत्रों का दावा है कि आने वाले कुछ समय में योगी मंत्रिमंडल का विस्तार भी किया जा सकता है. जिसमें करीब आधा दर्जन नए मंत्रियों को मंत्रिमंडल में शपथ दिलाई जा सकती है. इनमें कई ऐसे चेहरे शामिल हो सकते हैं जो प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल रहे हैं और अभी तक उन्हें कहीं समायोजित नहीं किया गया है. जातीय समीकरण के साथ-साथ क्षेत्रीय संतुलन साधने को लेकर भारतीय जनता पार्टी सितंबर के अंत या अक्टूबर महीने में मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकती है. योगी मंत्रिमंडल में कुल 52 मंत्रियों ने शपथ ग्रहण किया था. जिनमें पंचायती राज मंत्री के प्रदेश अध्यक्ष बनने और त्यागपत्र देने के बाद अब 51 मंत्री बचे हुए हैं. इनमें मुख्यमंत्री, दो उप मुख्यमंत्री मिलाकर 18 कैबिनेट मंत्री हैं, वहीं 14 राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार व 20 राज्य मंत्री शामिल हैं. योगी सरकार के पहले कार्यकाल की बात करें तो 56 मंत्रियों को मंत्रिमंडल में स्थान दिया गया था. ऐसे में अभी पांच मंत्रियों का स्थान पूरी तरह से रिक्त है, हालांकि मंत्रिमंडल में कुल 60 मंत्री बनाए जा सकते हैं.
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इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आनंद दुबे ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि मंत्रिमंडल का विस्तार या किसी प्रकार के फेरबदल का विषय मुख्यमंत्री का विषय है. उनका विवेकाधिकार है कि मंत्रिमंडल का विस्तार करना है या फिर फेरबदल करना है. जब उन्हें उचित लगेगा तो वह इस बारे में निर्णय कर सकते हैं.
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