लखनऊ : सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने यूपीपीसीएल पीएफ घोटाला (UPPCL PF scam) मामले में निरुद्ध डीएचएफएल के प्रमोटर कपिल वधावन व धीरज वधावन की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अभियुक्तों के खिलाफ तय मियाद में ही आरोप पत्र दाखिल किया गया था. लिहाजा इस आधार पर अर्जी स्वीकार करने योग्य नहीं है.
विशेष अदालत के समक्ष अभियुक्तों की ओर से जमानत अर्जी दाखिल कर कहा गया था कि सीबीआई ने तय समय में आरोप पत्र दाखिल नहीं किया है. लिहाजा कानूनी प्रावधानों के मुताबिक अभियुक्तों की जमानत अर्जी मंजूर की जाए. सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से इस अर्जी पर आपत्ति दाखिल की गई. बताया गया कि मुल्जिमों की न्यायिक हिरासत की अवधि से 90 दिन की निर्धारित अवधि से पूर्व ही आरोप पत्र दाखिल किया गया है. 19 सितंबर, 2022 को विशेष अदालत ने आरोप पत्र पर संज्ञान लिया था. उस रोज यह दोनों मुल्जिम तिहाड़ जेल से जरिए वीडियो कान्फ्रेसिंग विशेष अदालत के समक्ष पेश हुए थे.
विगत 26 मई को इन दोनों अभियुक्तों को इस मामले में न्यायिक हिरासत में भेजा गया था. सीबीआई की विशेष अदालत में इन्हें नवी मुंबई की तलोजा जेल से पेश किया गया था.
दो नवंबर, 2019 को इस मामले की एफआईआर वर्तमान सचिव ट्रस्ट आईएम कौशल ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी. जिसकी विवेचना ईओडब्ल्यू कर रही थी. उसने इस मामले में यूपीपीसीएल के तत्कालीन आला अधिकारियों समेत 17 मुल्जिमों को गिरफ्तार किया था. पांच मार्च, 2020 को इस मामले की विवेचना सीबीआई को सौंप दी गई.