लखनऊ: राजधानी के एक सरकारी अस्पताल का निरीक्षण करने डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Deputy CM Brajesh Pathak) पहुंचे थे. उसी दौरान एक गंभीर मरीज पहुंचा था. उसे ब्रेन स्ट्रोक हुआ था. डॉक्टरों ने उसे दूसरे अस्पताल जाने की सलाह दी. कर्मियों ने 108 एम्बुलेंस को फोन किया लेकिन उसके आने में कुछ देरी हो रही थी. यह देखकर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने फ्लीट में शामिल एम्बुलेंस को बुलवाया. साथ ही मरीज को लेकर खुद बलरामपुर अस्पताल पहुंचे और भर्ती कराया.
महानगर स्थित भाऊराव देवरस (बीआरडी) अस्पताल में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक निरीक्षण करने गए थे. इसी दौरान एक व्यक्ति लावारिस हाल में मरीज को लेकर पहुंचा. डॉक्टरों ने मरीज की जांच की. जांच में डॉक्टरों ने ब्रेन स्ट्रोक की आशंका जाहिर की. बाद में मरीज को तुरंत बलरामपुर अस्पताल ले जाने की सलाह दी. कर्मचारियों ने एम्बुलेंस के लिए 108 सेवा को फोन किया.
एम्बुलेंस के आने में कुछ देरी हो रही थी. डिप्टी सीएम ने अस्पताल प्रशासन से पूछा आपके पास कोई एम्बुलेंस नहीं है? डॉक्टरों ने एम्बुलेंस न होने की जानकारी दी. इस पर डिप्टी सीएम ने फ्लीट की एम्बुलेंस से मरीज को लेकर जाने का फैसला किए. उन्होंने डॉक्टरों से कहा कि मरीज को जल्द इलाज की जरूरत है.
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डिप्टी सीएम खुद काफिले में शामिल एम्बुलेंस से मरीज को लेकर बलरामपुर अस्पताल की ओर निकल पड़े. सायरन बजाते हुए फ्लीट आईटी चौराहा होते हुए बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचा. यहां पहले से डॉक्टरों की टीम तैयार थी. कर्मचारियों ने मरीज को एम्बुलेंस से उतारकर कैजुअल्टी में ले गयी. भर्ती प्रक्रिया के बाद मरीज को इमरजेंसी वार्ड में शिफ्ट किया गया.
मरीज की हालचाल लेते डिप्टी सीएम अस्पताल के सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता, वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. एसी श्रीवास्तव, सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल समेत अन्य डॉक्टरों की टीम ने मरीज को देखा. जांच के बाद डॉक्टरों ने मरीज को ब्रेन स्ट्रोक बताया. डिप्टी सीएम ने अस्पताल प्रशासन को मरीज को बेहतर इलाज मुहैया कराने के निर्देश दिए. मरीज की जरूरी जांचें और दवाएं आदि मुफ्त मुहैया कराने की हिदायत दी.डिप्टी सीएम शाम करीब पांच बजे बीआरडी पहुंचे. उन्होंने इमरजेंसी सेवाओं का हाल लिया. वार्ड में दवा काउंटर पर धूल जमा थी. वास बेसिन भी गंदा मिला, जिस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की. व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दिए. उसके बाद डिप्टी सीएम वार्ड में गए. भर्ती मरीजों से अस्पताल की सुविधाओं का हाल लिया.मरीज सूरज ने गले में परेशानी बताई.
मरीज ने बताया कि इलाज तो ठीक मिल रहा है लेकिन दवाएं अभी तक नहीं मिली. इस पर मंत्री ने डॉक्टर से जानकारी हासिल की. डॉक्टर ने बताया कि मरीज को ग्लूकोज के माध्यम से दवाएं दी जा रही हैं. करीब पांच भर्ती मरीज और उनके तीमारदारों से इलाज संबंधी जानकारी हासिल की. मंत्री ने व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं. ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप