लखनऊ : प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने शनिवार को मालवीय सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम में लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के समय की यादों को ताजा किया. यहां सामाजिक कार्यकर्ता अनिल उनकी पुस्तक 'मेरी अशेष यात्रा' के विमोचन समारोह में बोल रहे थे.
उन्होंने बताया कि किस तरह से लखनऊ विश्वविद्यालय में उन्होंने संघर्ष किया है, कैसे मेस में भोजन ना मिलने की दशा में बाहर होटलों में उधार तक नहीं मिलता था. यहां तक की खिचड़ी बनाने के लिए भी दाल-चावल नहीं होता था. साथ ही समस्या यह थी कि जिन चाची की चाय वे पीते थे, वह दूध की जगह चाय पानी बढ़ाती जाती थीं. ब्रजेश पाठक 90 के दशक में प्रथम विश्वविद्यालय में छात्र संघ की राजनीति किया करते थे. वे लखनऊ विश्वविद्यालय के अध्यक्ष भी रहे थे. उन्होंने उस समय काफी संघर्ष किए थे. इसलिए विश्वविद्यालय में आयोजित समारोह के दौरान उनको एक बार फिर से वापस याद आया.