लखनऊ:पुलिस इंस्पेक्टर के मकान खाली कराने के मकसद से नाबालिग को प्रताड़ित करने, परीक्षा का रजिस्ट्रेशन निरस्त करवाने और नाबालिग की पहचान को सोशल मीडिया तथा समाचार पत्रों में उजागर करने के आरोपों में लखनऊ के पुलिस कमिश्नर समेत गाजीपुर थाने के नौ पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्यवाही कर सजा देने की मांग की गई है.
नाबालिग के पिता की अर्जी पर किशोर न्याय बोर्ड ने गाजीपुर थाने से पांच दिनों में रिपोर्ट तलब की है. इस मामले में दरोगा शिवमंगल सिंह, कमलेश राय, धर्मेंद्र, गुड्डू प्रसाद, सिपाही सुनील कुमार, रोहित कुमार, गुडंबा थाने के दरोगा महेंद्र कुमार, असित कुमार यादव व आजमगढ़ के गांधी गुरुकुल विद्यालय के प्रधानाचार्य सुधींद्र राय के खिलाफ विधिक कार्यवाही की मांग की गई है.
किशोर न्याय बोर्ड में नाबालिग के पिता ने अर्जी देकर बताया कि आज़मगढ़ के गांधी गुरुकुल में पढ़ने वाला उसका पुत्र लखनऊ स्थित घर आया था. कहा गया कि नाबालिग पुत्र अपनी माता को 6 नवंबर 2021 को आलमबाग बस स्टेशन छोड़ने गया था जहां से गाजीपुर पुलिस ने उसे पकड़ लिया. आरोप है कि वादी जब अपने घर पहुंचा तो देखा कि दरोगा शिवमंगल वादी के पुत्र की बांह मरोड़कर जीप में बैठाए हुए थे.