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लखनऊ में सफाई व्यवस्था सुधारने के लिए नई योजना तैयार

राजधानी लखनऊ की सफाई व्यवस्था में सुधार लाने के लिए नगर निगम ने नई योजना बनाई है. महापौर संयुक्ता भाटिया ने नगर आयुक्त अजय द्विवेदी को इस संबंध में महत्वपूर्ण निर्देश दिए.

महापौर संयुक्ता भाटिया से मिले नगर आयुक्त
महापौर संयुक्ता भाटिया से मिले नगर आयुक्त

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Published : Jun 1, 2022, 3:14 PM IST

लखनऊ: राजधानी में सफाई व्यवस्था में सुधार के लिए नगर निगम ने बड़ा फैसला लिया है. महापौर संयुक्ता भाटिया ने नगर आयुक्त अजय द्विवेदी को आवास पर बुलाकर चर्चा की और व्यवस्था बनवाई. सफाई व्यवस्था में कार्यदायी संस्था को सीधे कार्य न देने एवं जेम पोर्टल से संस्था के चयन की भी योजना बनाई गई. महापौर ने गुणवत्तापूर्ण कार्य लेने के लिए सुचारू नियम बनाने के निर्देश दिए. जिससे सफाई-व्यवस्था में लापरवाही और कर्मचारी कम लगाने सम्बन्धी अनियमितताओं से मुक्ति मिल सके.

महापौर ने नगर आयुक्त को निर्देशित किया कि नगर निगम और शासन में जो एजेंसीज कभी भी ब्लैकलिस्ट हुई होंगी, वह ग्लोबल टेंडर में पार्टिसिपेट नहीं कर पाएंगी. सिर्फ स्वच्छ और पारदर्शी कार्यदायी संस्थाओं को ही कार्य दिया जाएगा. महापौर ने कहा कि सर्वप्रथम सफाई कार्य के लिये शहर को दो हिस्सों में (सिस गोमती व ट्रांस गोमती) विभाजित किया गया है. जिसमें जेम पोर्टल के माध्यम से अलग-अलग प्रस्ताव आमंत्रित किए जाएंगे. प्रतियोगात्मक वातावरण बनाये रखने के उद्देश्य से शहर के एक हिस्से में नियोजित होने वाली संस्था को दूसरे हिस्से में कार्य प्राप्त करने की अनुमति नहीं दी जायेगी. उद्यान, मार्ग प्रकाश, वाहन चालक इत्यादि श्रेणियों के लिए प्रथम टेंडर जेम के माध्यम से किया जाएगा.

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यह है योजना

  • नई व्यवस्था के अनुरूप निगम के सफाई कर्मचारियों को नियमित वेतन भी महीने की 5 तारीख तक उनके खाते में मिलेगा और कर्मचारियों का पीएफ और ईएसआई भी नियमित हो जाएगा.
  • जो सफाई कर्मचारी निगम में कार्य कर रहे हैं, उनको भी संस्था द्वारा समायोजित किया जाएगा. किसी सफाई कर्मचारी को हटाया नहीं जाएगा.
  • सभी कर्मचारियों का आधार सहित आई-कार्ड भी जारी किया जाएगा. जिससे यह पता रहे कि वह किस वार्ड, हदबंदी और कहां कार्य कर रहे है. जिसमें उनकी यूनिक आईडी के साथ ही आधार नंबर और फोन नंबर पड़ा होगा.
  • सफाई व्यवस्था बेहतर होगी और संबंधित कार्यदायी संस्था की जिम्मेदारी तय होगी.
  • सफाई कर्मचारियों का वेतन समय पर उपलब्ध होगा. उनका पीएफ व ईएसआई समय पर जमा हो सकेगा.
  • सफाई कर्मचारियों को समय से वेतन न देने पर 18% ब्याज के साथ वेतन देना पड़ेगा.
  • कार्यदायी संस्था किसी भी सफाईकर्मी को बिना नगर आयुक्त के अनुमोदन के नहीं हटा सकेगी.
  • कार्यदायी संस्था के कार्य मे लापरवाही पाए जाने पर महापौर और नगर आयुक्त उस पर कार्रवाई करेंगे.
  • सफाई व्यवस्था के लिये कार्यदायी संस्था द्वारा सफाई के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा.


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