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नटवरलाल ने 500 लोगों को लगाया करोड़ों का चूना, बनाईं कई फिल्में - नौकरी दिलाने का झांसा

सचिवालय, एफसीआई समेत कई सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर करोड़ों हड़पने वाले दो जालसाजों को यूपी एसटीएफ ने लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार होने वाला आरोपी दुर्गा शरण मिश्र कई जिलों में वांक्षित था.

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500 युवाओं से ठगी कर नटवरलाल ने करोड़ों कमाए और बनाई कई फिल्में

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Published : Mar 26, 2022, 9:40 PM IST

लखनऊ. सचिवालय, एफसीआई समेत दर्जनों सरकारी विभाग में नौकरी दिलाने का झांसा देकर करोड़ों हड़पने के आरोपी दो जालसाजों को यूपी एसटीएफ ने लखनऊ से गिरफ्तार किया है. ये जालसाज पिछले 15 सालों से जॉब फ्रॉड नेटवर्क चलाकर लखनऊ, कानपुर, अयोध्या समेत कई जिलों के युवाओं को ठग रहे थे. गिरफ्तार होने वाले आरोपी दुर्गा शरण मिश्र कई जिलों में वांछित चल रहा था.

एसटीएफ ASP अमित कुमार नागर ने बताया कि भारतीय खाद्य निगम, रेलवे, सचिवालय और स्वास्थ्य विभाग समेत कई सरकारी विभागों मे फर्जी भर्ती कराने के साथ-साथ अपने द्वारा नियत किए गए स्थान पर उन अभ्यर्थियों की फर्जी ट्रेनिंग कराने और कूटरचित ज्वाइनिंग लेटर देकर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड सीतापुर निवासी दुर्गा शरण मिश्र और उसके साथ राजेश राम को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया.

एसटीएफ की पूछताछ में आरोपी दुर्गाशरण मिश्र ने बताया कि वह अंबेडकर नगर का रहने वाला है. साल 2007 से ये लोग राजेश राम के साथ मिलकर खाद्य निगम, सचिवालय, स्वास्थ्य विभाग, परिवहन विभाग, इण्डियन ऑयल, सेना और रेलवे विभाग में नियुक्तियां कराने के नाम पर लोगों को झांसा देकर ठगी कर रहे हैं. बताया कि उसके खिलाफ धोखाधड़ी और ठगी के मामले में 2009 से अब तक कई मुकदमे लखनऊ, आजमगढ़ और फैजाबाद में दर्ज हैं.

जेल से निकलने के बाद फिर शुरू किया ठगी का धंधा

आरोपी दुर्गा ने बताया कि लखनऊ में एक ठगी के मामले में उसे सजा हुई तो 4 साल जेल में रहा. जेल में निकलने के बाद एक बार फिर उसने अपना नेटवर्क एक्टिवेट किया और 500 लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों का चूना लगा दिया. उसने बताया कि वह हर अभ्यर्थी से 3 से 5 लाख रुपये लेता था.

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ठगी के पैसों से बनाईं फिल्में
एसटीएफ की पूछताछ में दुर्गा शंकर ने बताया कि खुद को खाद्य निगम का अधिकारी बताकर उसने नौजवानों को नौकरी का झांसा दिया और करोड़ों की जालसाजी की. इस पैसे से उसने फिल्म और म्यूजिक एल्बम का निर्माण किया. उसका एक प्रोडक्शन हाउस भी है जिसका नाम जागृति फिल्म प्रोड्यूसर है. वहीं, दूसरे ठग राजेश राम ने बताया कि वह राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय मेजरगंज, रायबरेली में डॉक्टर के पद पर तैनात है. बताया कि डॉक्टर होने के चलते उसकी छवि लोगों के बीच अच्छी थी जिसका वे लोग फायदा उठाते थे.

लखीमपुर के 3 युवाओं से की थी ठगी
बीते साल लखनऊ के हजरतगंज थाने में दुर्गा शंकर के खिलाफ कोर्ट के आदेश के बाद एफआईआर दर्ज हुई थी. दरअसल, लखीमपुर खीरी निवासी विपिन बिहारी के मुताबिक वह दोस्तों के साथ कचहरी गए हुए थे. उनके साथ सचिन कुमार और एक महिला भी थी. कचहरी में ही उनकी मुलाकात दुर्गाशंकर मिश्र और डॉ. राजेश से हुई. बातचीत के दौरान उन सभी ने प्राइवेट नौकरी तलाशने का दुर्गा शंकर और राजेश से जिक्र किया था.

दुर्गा ने उन नौजवानों को बताया कि एफसीआई शहजहांपुर में नियुक्तियां होनी हैं. रुपये खर्च करने पर आराम से भर्ती हो जाएगी. सरकारी नौकरी की बात सुनकर विपिन समेत सभी के चेहरों में रौनक आ गयी. नौकरी पाने के लिए राजी हो गए. इसके बाद उनसे प्रति व्यक्ति आठ लाख 50 हजार रुपये का खर्च आने की बात कही थी. सभी ने दो किस्तों में रुपये दिए थे. इसके बाद आरोपियों ने तीनों का मेडिकल टेस्ट कराया. फिर भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) शाहजहांपुर डिपो का नियुक्ति पत्र थमा दिया. पीड़ित नौकरी ज्वाइन करने पहुंचे तो पता चला कि पत्र जाली है. ठगी का एहसास होने पर पीड़ित ने अपनी रकम वापस मांगी. दबाव बनाने पर आरोपितों ने रुपये वापस करने की बात कहकर हजरतगंज स्थित एसबीआई बैंक के पास बुलाया जहां उन्होंने मारपीट कर भगा दिया था.

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