लखनऊ: गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम नंदन सिंह ने कहा कि गाय भारतीय संस्कृति का प्रतीक है. धार्मिक, आर्थिक व सामाजिक दृष्टि से गाय महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के पास एक मामला आया था. जिस व्यक्ति ने गो वध किया था और वह व्यक्ति बाद में जमानत के लिए गया. हो सकता है कि कोर्ट को कष्ट हुआ हो. गोवध भी किया और जमानत की मांग भी कर रहा है. उनके पास अध्ययन रहता है कि वेद में पुराण में गाय को एक संस्कृति प्रतीक बताया गया है. वेद में पुराणों में यह भी कहा गया है कि गाय के अंदर 33 करोड़ देवताओं का वास रहता है.
श्याम नंदन सिंह ने कहा कि गाय विश्व की माता है, इस प्रकार की बातें भी कही गई हैं. यह सारी चीजें व्यक्ति को प्रेरित करती हैं. उसको मारने का अधिकार किसी को नहीं होना चाहिए. तभी हाईकोर्ट ने सुझाव दिया कि किसी व्यक्ति के जीभ के स्वाद के लिए दूसरे व्यक्ति के काटे जाने के मौलिक अधिकार छीना नहीं जा सकता है.
भारतीय संस्कृति में गाय एक प्रतीक है और यह हिंदू समाज का बहुत बड़ा हिस्सा है, जो गाय से जुड़ा हुआ है. इसलिए कोर्ट को लगा होगा कि भारतीय संस्कृति के प्रतीक की रक्षा करना यह समाज का बड़ा मौलिक अधिकार है. उन्होंने सिद्ध कर दिया कि गाय की रक्षा करना व्यक्ति का मौलिक अधिकार है तो जब मौलिक अधिकार है तो सरकार के ऊपर काम आता है. व्यक्ति के मौलिक अधिकारों की रक्षा की जाए. यही चीज ने उन्हें प्रेरित किया होगा और उन्होंने सुझाव दिया है केंद्र सरकार को वह संसद में एक विधेयक लाकर कानून बनाकर देश में गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करें.
गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम नंदन सिंह ने कहा कि कोर्ट ने कहा है कि गाय हमारे कृषि का आधार है. हमारे देश की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित थी इसीलिए सोने की चिड़िया कहा जाता था. उसी चीज को इतिहास को देखकर समझ कर उन्होंने कहा होगा गाय कृषि का आधार है. वास्तव में अगर यह गाय अपने पुराने स्थान पर पहुंच जाएगी तो वही सम्मान मिलेगा. इससे गाय हमारे कृषि का आधार बनेगी और यह कृषि हमारी अर्थव्यवस्था का आधार बनेगी. इससे हमारी अर्थव्यवस्था भी बेहतर होगी और सामाजिक व्यवस्था भी सुधरेगी.
श्याम नंदन ने बताय कि गो सेवा आयोग का मुख्य काम पंजीकृत गौशालाओं की गायों के भरण पोषण का पैसा दिलवाना है. इसके अलावा भी गाय का विषय रहता है तो आयोग हर जगह शामिल रहता है. जब योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने तो तमाम गोवध होता था. उनका हृदय द्रवित हुआ तो अवैध स्लॉटर हाउस बंद करने का काम किया गया. सारी गायें सड़कों पर आ गईं तो गौशाला बनाने की बात कही गई थी. हर जिले में एक करोड़ 20 लाख रुपए देकर एक स्थाई को संरक्षण केंद्र स्थापित कराया गया. 75 स्थाई गोसेवा संरक्षण केंद्र बनाए गए और अगले वर्ष भी गोसेवा संरक्षण केंद्र बनाए गए.