उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / city

काली नदी का पानी प्रदूषित करने का मामला, कंपनियों पर जुर्माना व निदेशकों को सजा, दो के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट

सीबीआई व प्रदूषण की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट यशा शर्मा ने शुगर फैक्ट्री का प्रदूषित पानी (Sugar factory polluted water) काली नदी में प्रवाहित करने के मामले में कंपनियों पर एक एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है, जबकि निदेशक सीएल मागो, विनय भारत राम व डा. एसएस बैजल को छह-छह माह कारावास की सजा सुनाई है.

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : Oct 14, 2022, 9:49 PM IST

लखनऊ : सीबीआई व प्रदूषण की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट यशा शर्मा ने शुगर फैक्ट्री का प्रदूषित पानी (Sugar factory polluted water) काली नदी में प्रवाहित करने के मामले में मेसर्स दौराला शुगर वर्क्स (डिस्टलरी डिवीजन) दौराला, मेरठ व मेसर्स डीसीएम लिमिटेड, नई दिल्ली तथा इसके निदशकों को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने जल प्रदूषण निवारण व नियंत्रण अधिनियम की धारा 44 के तहत कंपनियों पर एक एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है, जबकि निदेशक सीएल मागो, विनय भारत राम व डा. एसएस बैजल को छह-छह माह कारावास की सजा सुनाई है. इन सभी को 50-50 हजार रुपये के जुर्माने से भी दंडित किया गया है. कोर्ट ने सजा सुनाए जाने के दौरान अदालत में उपस्थित नहीं रहने पर अभियुक्त विनय भारत राम व डा. एसएस बैजल के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट भी जारी करने का आदेश दिया है.

मेरठ की मेसर्स दौराला शुगर वर्क्स कम्पनी नई दिल्ली की मेसर्स डीसीएम लिमिटेड की एक इकाई है. 3 अप्रैल 1986 को यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने जांच में पाया कि यह फैक्ट्री बिना बोर्ड की अनुमति के संचालित की जा रही थी. साथ ही इसका प्रदूषित उत्प्रवाह बिना शुद्धिकरण किए नाले के जरिए सीधे काली नदी में प्रवाहित किया जा रहा था. जल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस मामले में कम्पनी व इसके संचालकों के खिलाफ अदालत में परिवाद दर्ज कराया. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के विधि अधिकारी एके चौबे के मुताबिक, इस मामले में कुल 17 अभियुक्तों के खिलाफ परिवाद दाखिल हुआ था, लेकिन इनमें से कई की मृत्यु हो चुकी है.

यह भी पढ़ें : गोल्फ क्लब की प्रबंध समिति ने वापस ली याचिका, जानिए पूरा मामला

ABOUT THE AUTHOR

...view details