लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 2020-21 में शिक्षकों की भर्ती के लिए 107 पदों पर दिये गए विज्ञापन मे दिव्यांगजनों को नियमानुसार आरक्षण का लाभ न देने पर डॉ. शकुन्तला मिश्रा विश्वविद्यालय को नसीहत देते हुए कहा है कि सिर्फ वैधानिक प्रावधानों के लिए ही नहीं बल्कि इसलिए भी कि यह विश्वविद्यालय दिव्यांगजनों के हित के लिए स्थापित किया गया है, उसे उनके मुद्दों के प्रति सहानुभूति रखनी चाहिए.
न्यायालय के रुख को देखते हुए, विश्वविद्यालय की ओर से पीठ को आश्वासन दिया गया कि जब तक दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 व संबधित शासनादेशों के तहत प्रदत्त आरक्षण की सीमा को ध्यान में रखकर विज्ञापन में दिये गए आरक्षण पर पुर्नविचार नहीं कर लिया जाता, तब तक उक्त विज्ञापन के अनुसरण में कोई कार्यवाही आगे नहीं बढाई जाएगी. इसके साथ ही न्यायालय ने विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में की गई प्रोफेसरों की भर्ती को अपने अग्रिम आदेशों के अधीन कर लिया है.