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लखनऊ के हॉटस्पॉट क्षेत्रों में 'रैपिड एंटीजन किट' से हो रही कोरोना टेस्टिंग, ये है खास बात

लखनऊ जिले के हॉटस्पॉट क्षेत्रों में अब रैपिड एंटीजन टेस्टिंग से कोरोना की जांच शुरू हो गई है. जिसके माध्यम से अब कोरोना जांच में तेजी आएगी. इसकी खासियत यह है कि इससे टेस्टिंग करने से केवल 30 मिनट में ही जांच रिपोर्ट मिल जाएगी.

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Published : Jun 30, 2020, 9:45 AM IST

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रैपिड एंटिजेन किट से कोरोना की जांच

लखनऊ:राजधानी में कोरोना के तेजी से बढ़ते मामले को देखते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से 'रैपिड एंटीजन टेस्टिंग' शुरू हो गई है. फिलहाल इस टेस्टिंग किट के माध्यम से हॉटस्पॉट जोन में टेस्टिंग शुरू हो चुकी है. इसकी खासियत यह है कि इससे टेस्टिंग करने से केवल 30 मिनट में ही जांच रिपोर्ट मिल जाएगी. जांच के लिए शासन की तरफ से करीब पांच हजार टेस्टिंग किट भेजी गई है.

जल्द मिलेगी रिपोर्ट
कोरोना जांच नोडल अधिकारी डॉ. एमके सिंह के मुताबिक, एंटीजन टेस्टिंग से सर्दी, खांसी व जुकाम आदि लक्षण वाले लोगों की जांच की जा रही है. सबसे खास बात यह है कि इस किट की मदद से मरीज के पास जाकर टेस्ट किया जा सकता है. इसका रिजल्ट 15-30 मिनट में मिल जाता है, जिससे समय की बचत होती है. इसीलिए सबसे पहले इस किट से हॉटस्पॉट जोन में कोरोना संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की रैपिड एंटीजन टेस्टिंग की जा रही है.

इसमें हेल्थ वर्कर्स के साथ एक लैब टेक्नीशियन मरीज के पास जाकर टेस्ट कर सकता है. एंटीजन टेस्टिंग से महज 30 मिनट से 1 घंटे के अंदर रिजल्ट आ जाएगा. इसके लिए कोई बड़ी लैब का सेटअप भी नहीं चाहिए. जबकि आरटी-पीसीआर टेस्टिंग से रिजल्ट आने में कम से कम 5 घंटा या उससे भी अधिक का समय लगता है. इसके अलावा आरटी-पीसीआर टेस्ट के लिए पूरी लैब भी होनी चाहिए, जहां मरीजों की टेस्टिंग की जा सके. ऐसे में एंटीजन किट से अब राजधानी में कोरोना की जांच में और तेजी आएगी.

स्वैब की होती जांच
डॉ. सिंह के मुताबिक, टेस्टिंग किट से जांच करने के लिए संदिग्ध मरीज के नाक में स्ट्रिप डालकर स्वैब या फ्लूड का सैंपल लिया जाता है. इसके बाद किट में सॉल्यूशन की तीन ड्रॉप डालकर फ्लूड के साथ मिक्स किया जाता है. इससे करीब 30 मिनट के बाद जांच रिजल्ट सामने आ जाता है. अब तक इस टेस्टिंग के माध्यम से केवल एक ही पॉजिटिव केस मिला है. इसके अलावा जो सैंपल की जांच निगेटिव आई है, उनका सैंपल लेकर दोबारा जांच के लिए केजीएमयू भी भेजा जाता है. केजीएमयू में से अभी तक जो रिपोर्ट आई है, वो भी निगेटिव ही आई है. यह एक अच्छी बात है कि इसके रिजल्ट काफी सही आ रहे हैं. अब तक 300 से ज्यादा टेस्ट कराये जा चुके हैं. विभाग के पास किट की कोई कमी नहीं है.

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