लखनऊ:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की अध्यक्षता में सोमवार को बाढ़ परियोजनाओं (जल शक्ति विभाग) की समीक्षा की हुई. इसमें सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बाढ़ की समस्या को हल करने के लिए पिछले 5 वर्षों में अहम कोशिशें की गयीं. 2017-18 से अब तक 699 बाढ़ परियोजनाएं पूरी की गईं.
सीएम योगी ने कहा कि विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार हमने आधुनिकतम तकनीक को इस्तेमाल करके बाढ़ से खतरे को कम करने में सफलता पाई है. नदियों के चैनलाइज़ेशन का काम तेज़ करने की ज़रूरत है. परियोजनाओं में ठेके, टेंडर के लिए फर्म, एजेंसी को चुनते समय पूरी पारदर्शिता बरतें. किसी भी विभाग में माफिया या उससे जुड़े लोगों के फर्मों से काम न कराया जाए. अगर ऐसा होता हुआ पाया गया, तो विभाग में हर स्तर पर जवाबदेही तय की जाएगी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्तमान में बाढ़ नियंत्रण से संबंधित 225 परियोजनाओं में से 216 पर काम शुरू हो चुका है. इसमें नौ ड्रेजिंग की परियोजनाएं हैं. सभी परियोजनाओं में गुणवत्ता और समय पर पूरा करने का ध्यान रखा जाए. नदियों की ड्रेजिंग से निकली उपखनिज बालू, सिल्ट की नीलामी में पूरी पारदर्शिता बरती जाए. हर हाल में यह बालू, सिल्ट 15 जून तक वहां से हट जाए.
उन्होंने कहा कि बालू नीलामी के काम का भौतिक सत्यापन भी कराया जाए. उन्होंने कहा कि बाढ़ नियंत्रण से सम्बंधित हर काम किसी भी दशा तक 15 जून तक पूरा कर लिया जाए. बाढ़ बचाव कार्य में विभाग के हर स्तर के अधिकारी फील्ड में उतरें. मौके पर जाएं. एक सप्ताह के भीतर कार्यस्थलों की ड्रोन वीडियो/फोटो आदि उपलब्ध कराए जाएं।