लखनऊ : भारतीय संविदा आउटसोर्सिंग कर्मचारी संघ के बैनर तले स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण (Swachh Bharat Mission Gramin) में कार्यरत सैकड़ों संविदा कर्मियों ने अपनी समस्याओं को लेकर पंचायती राज निदेशालय का घेराव करते हुए प्रदर्शन किया. साथ ही मिशन निदेशक को ज्ञापन देकर समस्याओं के निस्तारण की मांग की. स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण (Swachh Bharat Mission Gramin) में कार्यरत संविदा कर्मियों में जिला समन्वयक तथा ब्लॉक कोऑर्डिनेटर द्वारा आज पंचायती राज निदेशालय में अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए ज्ञापन दिया.
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण जिला समन्वयक विश्वनाथ तिवारी ने कहा कि 2014 से अब तक वेतन वृद्धि ना होने तथा विकासखंड में कार्य करने वाले ब्लॉक कोऑर्डिनेटर को पिछले 8 वर्षों से ₹10000 प्रतिमाह के वेतन पर कार्य करने, जनपद स्तर पर कार्यरत जिला समन्वयक के वेतन से जीएसटी काटने तथा पिछले 8 वर्षों से वेतन वृद्धि ना होने के संबंध में ज्ञापन देते हुए सोमवार को निदेशालय का घेराव किया गया.
उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों से एचआर पॉलिसी लागू किए जाने का आश्वासन दिया जा रहा है, लेकिन ऐसा नहीं किया. जिस पर सभी कार्यरत संविदा कर्मियों द्वारा रोष जताया गया. उपस्थित खंड प्रेरकों द्वारा बताया गया कि 10 हजार मानदेय में EPF कटकर 8725 वेतन प्राप्त होता है, जिसमें लगातार फील्ड पर जाने का भी काम रहता है, जिसमें प्रतिमाह 2 से 3 हजार का पेट्रोल लग जाता है. किसी भी योजना में नियुक्त होने के उपरान्त एचआर पॉलिसी निर्मित कर वेतन वृद्धि की जाती है.