लखनऊ: उत्तर प्रदेश में राशन कार्ड विवाद को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए. कार्यकर्ताओं की तरफ से प्रदेश के अलग-अलग जिलों में जोरदार प्रदर्शन किया गया. इस दौरान कई जनपदों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और प्रशासन के बीच झड़प की भी सूचनाएं सामने आईं.
पार्टी का कहना है कि राशन पाने वाले आम आदमी से अपात्रों के नाम पर वसूली के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से तानाशाही शासनादेश जारी किया गया है. लखनऊ में राष्ट्रीय सचिव सत्यनारायण पटेल व राष्ट्रीय सचिव प्रदीप नरवाल एवं जिला अध्यक्ष वेद प्रकाश त्रिपाठी के नेतृत्व में प्रदर्शन हुआ. इस दौरान प्रशासन से झड़प भी हुई. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता और डिजिटल मीडिया संयोजक अंशू अवस्थी ने बताया कि प्रदेश के सभी जनपदों में जिला कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं ने जनपद मुख्यालय पर प्रदर्शन किया. ज्ञापन देकर इस तानाशाही फैसले को निरस्त करने की मांग की.
अंशू अवस्थी ने बताया कि ज्ञापन में भाजपा सरकार के लोककल्याण विरोधी चरित्र पर सवाल उठाते हुए कहा है. भाजपा ने चुनाव से पहले जिस राशन और अन्य खाद्य सामग्री पर अपना फोटो छपवा कर वोट मांगा. आज उसी राशन से आम आदमी को जो पहले से बेरोजगारी और महंगाई के चलते खराब माली हालत से गुजर रहा है. उसके इस अधिकार को समाप्त कर रही है जो सीधे तौर पर कांग्रेस की तत्कालीन केंद्र सरकार द्वारा लाए गए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 का उल्लघंन है. इस शासनादेश से बीजेपी आदित्यनाथ सरकार का आम आदमी विरोधी चाल, चरित्र और चेहरा बेनकाब हुआ है.