लखनऊ: गोरखपुर के बाबा राघव दास (BRD) मेडिकल कॉलेज में 2017 में ऑक्सीजन की कमी से हुई बच्चों की मौत के मामले में आरोपी डॉ. मोम्मद कफील को बर्खास्त करने के बाद सियासत गरमा गई है. जहां भारतीय जनता पार्टी ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन का समर्थन किया है. वहीं, कांग्रेस पार्टी ने डॉ. कफील की बर्खास्तगी पर सवाल खड़े किए हैं और इसे सरकार की शह पर हुई कार्रवाई बताया है.
भाजपा की ओर से स्पष्ट किया गया है कि डॉ. कफील ने सेवा में रहते हुए न केवल अपने काम में लापरवाही की बल्कि राजनैतिक बयानबाजी में जुटे रहे. उन पर विभागीय आरोप सिद्ध हुए हैं, इसलिए ही यह एक्शन लिया गया है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने बताया कि डॉ. कफील पर पूरी विभागीय कार्रवाई की गई है. उन पर आरोप सिद्ध हुए हैं. जिसके बाद में यह एक्शन हुआ है. राकेश त्रिपाठी ने कहा कि न केवल डॉ. कफील ने अपने काम में लापरवाही की है बल्कि उन्होंने राजनीतिक बयानबाजी भी की है. जिसका सही परिणाम उनको मिल रहा है. भाजपा उन पर किये गए एक्शन का समर्थन करती है.
वहीं, कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता रफत फातिमा का कहना है कि कहीं न कहीं डॉ कफील के साथ अन्याय हो रहा है. जिस तरीके से गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में वह घटना घटी थी, अगर देखा जाए तो उसमें वे एक मसीहा का काम कर रहे थे. उन्होंने बच्चों को ऑक्सीजन मुहैया कराई थी. ये सरकार अपराधियों को संरक्षण दे रही है औ र मजलूमों को सता रही है. कहीं न कहीं यह सरकार की शह पर यह कार्रवाई हुई है.
रफत फातिमा ने कहा कि अभी कासगंज की घटना सामने देखिए, जिस तरह बच्चे की पुलिस हिरासत में मौत हुई और बताया जा रहा है खुदकुशी की है. भला कोई ऐसे भी खुदकुशी कर सकता है. इसके पीछे कोई न कोई वजह है. पूरी तरह से सरकार ने अपराधियों को संरक्षण दिया है और मजलूमों को सताया है. इसी तरह लखीमपुर की घटना में मंत्री को अब तक बर्खास्त नहीं किया गया है. जबकि सरकार कह रही कि अपराधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सामने सब कुछ नजर आ रहा है. 2022 में भाजपा जरूर भुगतेगी.