लखनऊ: कांग्रेस में जानी-मानी महिलाओं के चेहरे गिनती के ही हैं. ऐसे में 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए जिताऊ महिला प्रत्याशी मिलना भी कांग्रेस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा. अभी उत्तर प्रदेश में ही पार्टी खस्ताहाल है. हालांकि कांग्रेस पार्टी के नेता मानते हैं कि कांग्रेस पार्टी में महिला नेताओं की कोई कमी नहीं है.
जानकारी देते कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता अजय चंद्र चौबे प्रियंका गांधी ने 40 फीसदी महिलाओं को टिकट देने की घोषणा की है तो कांग्रेस के तमाम नेता जो अब तक अपने टिकट के लिए आवेदन कर चुके हैं, वो अब अपने घर की महिलाओं के साथ ही रिश्तेदारों के भी आवेदन करने का प्लान बनाने में जुट गए हैं. 15 नवंबर तक टिकट के लिए महिलाओं को आवेदन की प्रियंका गांधी ने छूट भी दी है. उन्होंने कहा कि आम महिला से लेकर राजनेता के रिश्तेदार भी टिकट के लिए आवेदन कर सकते हैं. ऐसे में महिलाओं के आवेदन का सिलसिला भी कांग्रेस पार्टी कार्यालय पर शुरू हो चुका है, लेकिन यह महिलाएं जिताऊ कैंडिडेट साबित होंगी, इसकी फिलहाल कोई गारंटी नहीं है. वजह ये हैं कि कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता उत्तर प्रदेश में लगातार चुनाव हारते ही आ रहे हैं.
कांग्रेस प्रवक्ता अजय चंद्र चौबे प्रियंका गांधी ने जिस मंच से विधानसभा चुनाव में 40 फीसदी महिलाओं को टिकट देने का एलान किया था. उसी मंच पर महिलाओं का कोरम 40 फीसदी से कम था. मंच पर कुल 10 नेता बैठे थे, जिनमें सात पुरुष थे और सिर्फ तीन महिलाएं थीं. यहां पर सिर्फ 30 फीसदी ही महिलाएं थीं. उत्तर प्रदेश कांग्रेस में महिलाओं के प्रतिनिधित्व की बात करें, तो वर्तमान में कांग्रेस पार्टी की सिर्फ एक ही महिला विधायक हैं. आराधना मिश्रा 'मोना' रामपुर खास विधानसभा सीट से विधायक हैं और वर्तमान में पार्टी की विधानमंडल दल की नेता भी हैं. इसके अलावा 2017 के विधानसभा चुनाव में रायबरेली की सदर विधानसभा सीट से कांग्रेस से अदिति सिंह चुनाव जीती थीं, लेकिन अब उन्होंने बगावती सुर अपना लिए हैं, लिहाजा वे कांग्रेस पार्टी के साथ नहीं हैं. अगर कांग्रेस पार्टी की उत्तर प्रदेश में एक ही विधायक है, तो सांसद भी इससे ज्यादा नहीं हैं. राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी उत्तर प्रदेश के रायबरेली संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी की एकमात्र महिला सांसद हैं. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अजय चंद्र चौबे का कहना है कि प्रियंका गांधी जिस तरह से जनता के मुद्दों के साथ, महिलाओं के मुद्दों के साथ, उनके बीच मुखर रही हैं, इसकी वजह से आज सभी पार्टियां खुद को जनाधारविहीन महसूस कर रही हैं. कांग्रेस पार्टी ने इस देश को सर्वप्रथम महिला प्रधानमंत्री दिया. प्रियंका गांधी उससे आगे बढ़कर महिलाओं के साथ न्याय कर रही हैं. उत्तर प्रदेश में महिलाओं पर जुर्म हो रहा है.
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कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता अजय चंद्र चौबे ने कहा कि यहां के रावणराज और जंगलराज से निजात दिलाने के लिए, उन्हें मजबूत करने के लिए प्रियंका गांधी ने ठाना है. महिलाएं अपनी लड़ाई खुद लड़ें, वह शीला दीक्षित की तरह विकास का मॉडल प्रस्तुत कर सकें. हमारी पार्टी से ही बाकी दल के लोग महिला नेताओं को ले जा रहे हैं. जाहिर सी बात है कि हमारे यहां महिला नेताओं की संख्या में कोई कमी नहीं है. हमारे यहां महिलाएं रानी लक्ष्मीबाई के अवतार में हैं. दुर्गा के अवतार में हैं. निश्चित तौर पर उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी के नेतृत्व में सरकार बनेगी. महिलाएं जीतकर मंत्री बनेंगी और उत्तर प्रदेश सरकार में सहयोग देंगी.