लखनऊ: ग्रामीण इलाकों के उपभोक्ताओं को बिजली विभाग बड़ी राहत दे सकता है. ऐसे उपभोक्ता जिनका घरेलू कनेक्शन दो किलोवाट का है और अपनी आजीविका के लिए वह घर में छोटी सी कोई दुकान खोलते हैं तो उन पर कमर्शियल बिल की वसूली नहीं की जाएगी. बिजली विभाग के अधिकारी और विजिलेंस टीम चेकिंग के समय बिजली चोरी की कार्रवाई भी नहीं करेंगी.
यूपी राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद की तरफ से कुछ दिन पहले यूपी पावर कारपोरेशन प्रबंधन को एक प्रस्ताव सौंपा गया था. इस प्रस्ताव में उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा, कि गांव में दो किलोवाट तक का ही उपभोक्ताओं का कनेक्शन होता है. छोटे-मोटे व्यापार, छोटी सी दुकान को ही लोग अपना जीवन यापन का जरिया बनाते हैं, लेकिन जब चेकिंग होती है तो उन पर बिजली चोरी की धाराओं में कार्रवाई कर दी जाती है, जिससे उन्हें काफी परेशानी होती है. गरीब वर्ग के उपभोक्ताओं के लिए एसेसमेंट के हिसाब से भुगतान कर पाना दिक्कतों भरा होता है. इसी को ध्यान में रखकर उपभोक्ता परिषद की ओर से पावर कारपोरेशन प्रबंधन को एक प्रस्ताव सौंपा गया है, जिसमें ऐसे उपभोक्ताओं को राहत देने की मांग की गई है.
अवधेश कुमार वर्मा ने आगे कहा, कि ग्रामीणों का बिजली का बिल घरेलू कनेक्शन का ही हो, साथ ही कभी भी जब बिजली विभाग की टीमें चेकिंग अभियान चलाएं और फिर विजिलेंस की टीम छापेमारी करें. तब ऐसे उपभोक्ताओं पर किसी तरह की बिजली चोरी की कार्रवाई नहीं होनी चाहिए. उनसे कमर्शियल का बिल भी नहीं वसूला जाए. अवधेश कुमार ने बताया कि परिषद के इस प्रस्ताव पर पावर कारपोरेशन की सहमति है. अब उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग को फैसला लेना है, कि उपभोक्ता हित में इस तरह के प्रस्ताव को मंजूरी दी जाए.
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