लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर तबादलों अन्य गड़बड़ियों को लेकर बनाई गई अधिकारियों की तीन कमेटियों की रिपोर्ट गुरुवार की शाम तक आ सकती है. इन रिपोर्टों के आधार पर दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष यह रिपोर्ट रखी जाएंगी. इसके बाद में जरूरी एक्शन लिया जा सकता है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वास्थ्य विभाग पशुपालन विभाग और लोक निर्माण विभाग में अलग-अलग कमेटियां बनाकर मंगलवार को जांच शुरू की गई थी. इसकी रिपोर्ट 2 दिन में आनी थी और आज वह दिन है. स्वास्थ्य विभाग की जांच के लिए मुख्य सचिव डीएस मिश्रा की अध्यक्षता में एक कमेटी बना दी. इस कमेटी में अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी और अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी को रखा गया है.
लोकनिर्माण विभाग की जांच में कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज सिंह, अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी और अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी शामिल हैं. पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह ने करीब 50 करोड़ रुपए के घोटाले की जांच अपर मुख्य सचिव को सौंपी है. आरोप है कि विभाग के अधिकारियों ने दवा और उपकरणों की खरीद दोगुने दाम पर की है.
इस मामले में मंत्रियों का का आरोप-अधिकारी बात नहीं सुनते योगी सरकार के कई मंत्रियों का आरोप है कि विभाग के अधिकारी उनकी बात नहीं सुनते. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को तो अपने विभाग में हुए ट्रांसफर की अनियमितता के लिए अधिकारी को पत्र लिखना पड़ा था. पीडब्ल्यूडी में भी मंत्री और राज्यमंत्री की अधिकारियों से तनातनी की खबरें सामने आईं. पशुपालन विभाग में अफसरों द्वारा किए गए घोटाले को लेकर भी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है.
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