लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को लोकभवन में मंत्रिपरिषद के सदस्यों की उपस्थिति में पीएम गति शक्ति योजना यानी ‘नेशनल मास्टर प्लान फॉर मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी प्लान’ की प्रदेश में प्रगति और भावी कार्ययोजना की समीक्षा की. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने यह दिशा-निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के दूरदर्शी इनोवेटिव विचारों से पूरित पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान का शुभारंभ भारत सरकार द्वारा किया गया है.
यह योजना ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग के प्रयासों की श्रृंखला में अत्यंत उपयोगी है. उन्होंने कहा कि प्रायः एक विभाग की परियोजना की जानकारी, उसकी अद्यतन स्थिति और उनकी भावी कार्ययोजना की जानकारी दूसरे विभागों के पास नहीं होती है. समन्वय और सूचना साझाकरण की कमी के कारण मैक्रो नियोजन और माइक्रो कार्यान्वयन के बीच एक व्यापक अंतर होता है. विभाग प्रायः अलगाव की स्थिति में कार्य करते हैं. ऐसे में एक योजना दूसरी योजना के क्रियान्वयन पर गलत प्रभाव भी डाल सकती है. पीएम गतिशक्ति इस समस्या का स्थायी समाधान है. पोर्टल के माध्यम से हर विभाग/मंत्रालय दूसरे की योजना/परियोजना से अपडेट रहेगा और उसी के अनुसार अपने कार्यों को आकार दे सकेगा.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पीएम गतिशक्ति के माध्यम से विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की सभी वर्तमान तथा भावी कार्रवाईयों को एक केंद्रीयकृत पोर्टल में सम्मिलित किया जाएगा. क्रॉस-सेक्टोरल इंटरेक्शन के माध्यम से परियोजनाओं की प्राथमिकता तय होगी. मास्टर प्लान बनाने में सहायता मिलेगी. साथ ही परियोजनाओं की रीयल टाइम मॉनीटरिंग भी संभव हो सकेगी.
उन्होंने कहा कि पीएम गतिशक्ति के सफल क्रियान्वयन से हमें जमीनी स्तर पर काम में तेजी लाने, लागत में कमी करने में मदद मिलेगी. यह रोजगार पैदा करने पर ध्यान देने के साथ-साथ आगामी चार वर्षों में बुनियादी अवसंरचना परियोजनाओं की एकीकृत योजना और कार्यान्वयन भी सुनिश्चित करेगी. पीएम गतिशक्ति के माध्यम से मौजूदा और प्रस्तावित कनेक्टिविटी परियोजनाओं की मैपिंग में मदद मिलेगी.
उन्होंने कहा कि पीएम गति शक्ति-एनएमपी के कार्यान्वयन हेतु प्रदेश में अवस्थापना और औद्योगिक विकास विभाग और इन्वेस्ट यूपी नोडल संस्थाएं हैं. प्रदेश में पीएम गतिशक्ति के सम्बंध में शासन स्तर पर तीन अलग-अलग समितियां गठित की जाएं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सचिव स्तरीय अधिकारियों का एक अधिकार प्राप्त समूह हो, जो लॉजिस्टिक्स दक्षता की जांच के लिए योजना के कार्यान्वयन की समीक्षा करेगा. साथ ही योजना में संशोधन हेतु निर्धारित फ्रेमवर्क एवं मानकों को अपनाने, उद्देश्यों को प्राप्त करने तथा पीएम गति शक्ति एनएमपी के मार्गदर्शक सिद्धांतों के लिए उचित दिशा-निर्देश जारी करने के सम्बंध में आवश्यक कार्रनाई करेगा.
इसे भी पढ़ेंःएनसीआर में यूपी के लोगों को नहीं देना होगा रोड टैक्स, कैबिनेट बैठक में 9 प्रस्तावों को मिली मंजूरी