लखनऊ: सीएम योगी ने राज्य के गायों के शेल्टर होम की स्थिति पर एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट देने को कहा है. जिला नोडल अधिकारियों को गायों के शेल्टर होम जाकर निरीक्षण करने के बाद ये रिपोर्ट देनी है. इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री ऑफिस ने दी. यूपी में गायों के कुछ शेल्टर होम हमेशा विवादों में रहे हैं. शेल्टर होम की व्यवस्थाओं के जिलों मे डीएम, ग्राम प्रधानों और निगम अधिकारी सीधे उत्तरदायी बनाए गए हैं और गोवंशों के शेल्टर होम बनाने के लिए रुपये पानी की तरह बहाए गये. लेकिन प्रदेश में कई जगहों पर गायों और गोवंशों की हालत बद से बदतर होती गई.
गो-सदन और गौशालाओं के नाम पर प्रदेश के कुछ जिलों में गोवंशों को ऐसी जगहों पर रखा गया जहां गर्मी, बारिश और ठंड मे सिर छिपाने के लिए छत नहीं थी, पीने के लिए पानी नहीं था, खाने के लिए ठीक से चारा नहीं था. नतीजा ये हुआ कि कई गायों की मौत भी हुई. जब ईटीवी भारत की टीम ने इस साल जनवरी महीने में लखनऊ के रायपुर में स्थित गोशाला का दौरा किया तो पाया कि गोशाला में व्यवस्थाएं लचर थीं. गोशाला में गायों को न तो खाने के लिए सही भूसा दिया जा रहा था और न ही पीने को पानी. रूखा-सूखा भूसा खाकर गाय जीने को मजबूर थीं. ये हाल राजधानी का था. गोशाला में करीब 100 गाय रखी गई थीं. गायों को ठंड से बचने के लिए किसी तरह का प्रबंधन नहीं किया गया था.