उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / city

कल्याण सिंह की प्रतिमा का अनावरण कर योगी साधेंगे एक तीर के कई निशाने

उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के दिवंगत हुए एक साल बीत गए. 21 अगस्त को उनकी पहली पुण्यतिथि है. भारतीय जनता पार्टी और प्रदेश सरकार कल्याण सिंह की पहली बरसी को यादगार बनाने की तैयारी कर रही है. जानिए क्या है तैयारियां

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : Aug 20, 2022, 5:31 PM IST

लखनऊ :21 अगस्त 2021 को उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का निधन हुआ था. कल्याण सिंह की पहली पुण्यतिथि के मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ रविवार को शहीद पथ पर कैंसर संस्थान में उनकी नौ फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा का अनावरण करेंगे. कैंसर इंस्टिट्यूट को अखिलेश यादव अपना ड्रीम प्रोजेक्ट मानते रहे हैं. ऐसे में इस अस्पताल में राम मंदिर आंदोलन के पोस्टर बॉय रहे कल्याण सिंह की प्रतिमा का अनावरण कर सरकार नया संदेश देने की कोशिश कर रही है. माना जा रहा है कि कैंसर इंस्टिट्यूट में कल्याण सिंह की प्रतिमा न सिर्फ अखिलेश के प्रोजेक्ट को राममय करेगी बल्कि लोध वोट बैंक को बीजेपी के लिए सुनिश्चित रखेगी.

2021 में जब कल्याण सिंह का निधन हुआ था, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा के कई वरिष्ठ नेता लखनऊ पहुंचे थे. कल्याण सिंह की याद में अब लखनऊ के कैंसर इंस्टिट्यूट में उनकी नौ फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई है. सीएम योगी करीब 30 लाख रुपये की लागत से बनी इस कांस्य प्रतिमा के अनावरण करेंगे. इस कार्यक्रम में योगी सरकार के तमाम मंत्री और भाजपा के बड़े पदाधिकारी मौजूद रहेंगे. सीएम योगी का मानना है कि कल्याण सिंह एक राजनीतिक संत थे, जिन्होंने सत्ता से ऊपर श्रीराम को स्थान दिया. पार्टी के पदाधिकारियों का मानना है कि कल्याण सिंह का सम्मान कर सीएम योगी लोध वोट बैंक के जरिये भाजपा के आधार को मजबूत करने की तैयारी कर रहे हैं.

राम मंदिर आंदोलन के पोस्टर बॉय कल्याण सिंह ने ओबीसी वोटरों के बीच बीजेपी का जनाधार तैयार किया था.


गौरतलब है कि राम मंदिर के दौर में कल्याण बीजेपी के पोस्टर बॉय रहे. उन्होंने बीजेपी को अपने दम पर पहली बार उत्तरप्रदेश की सत्ता में पहुंचाया था. कल्याण सिंह के बारे में कहा जाता है कि वह भाजपा में मंडल और कमंडल के गठजोड़ थे. उन्होंने भाजपा को नया आधार दिया था. उनके इस प्रयोग से भाजपा सत्ता के राजपथ पर आई. कल्याण सिंह भाजपा के अकेले नेता थे, जिन्हें बाबरी ढांचा ढहाए जाने की सजा अदालत ने दी, जबकि पार्टी के बाकी सब नेता बरी हो गए. मंडल-कमंडल के इस केमिस्ट्री से ही कल्याण सिंह हिंदुत्व के पहले प्रबल और प्रमुख चेहरा बने. राम मंदिर पर कुर्बान होने वाले वह पहले मुख्यमंत्री थे. वह पहले नेता थे, जिसने भाजपा को ब्राह्मण बनिया पार्टी के कलेवर से बाहर निकाल पिछड़ी राजनीति में व्यापक आधार दिया.


बीजेपी के नेता भी मानते हैं कि कल्याण सिंह राज्य में अति पिछड़ी जातियों की पहचान करने और उन्हें पार्टी से जोड़ने वाले शिल्पकार भी थे. देश और सूबे की लोध बिरादरी उन्हें अपनी नेता मनाती है. यूपी में लोध बिरादरी का करीब आठ फीसदी वोट है. राज्य के लगभग 25 जिलों में 75 सीटों पर यह अपना प्रभाव है. लखनऊ में कल्याण सिंह की प्रतिमा लगाने के साथ ही भाजपा उनके प्रति अपने सम्मान का प्रदर्शन कर रही है. साथ ही, लोध समाज को हितैषी होने का संदेश भी देना चाहती है. भाजपा और सीएम योगी प्रदेश भर में कल्याण सिंह की पुण्यतिथि प्रदेश भर में मनाने का फैसला किया है. यह आयोजन सामाजिक और राजनीतिक संदेश देने वाला है. कल्याण सिंह की पहली बरसी के जरिये भाजपा और मुख्यमंत्री जनता को यह बताएंगे कि भाजपा अपने नेता और समर्थक दोनों का सम्मान करती है. उनके योगदान को भूलाती नहीं है.

पढ़ें : जब 'कल्याण' ने खुद को बताया था 87 साल का नौजवान, कहा- अभी मेरा मन रिटायर नहीं

पढ़ें : 35 साल में बीजेपी ने बदल दी ब्राह्मण-बनियों की पार्टी वाली अपनी छवि

पढ़ें : यूपी के इस मुख्यमंत्री की हत्या की शूटर ने ली थी 6 करोड़ में सुपारी

ABOUT THE AUTHOR

...view details