लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजना एक जिला एक उत्पाद (ODOP) से जुड़े प्रोडक्ट के बारे में अब पूरी जानकारी विभिन्न भारतीय भाषाओं में भी मिलेगी. इसके लिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) और निर्यात प्रोत्साहन विभाग ने माइक्रो ब्लॉगिंग ऐप ‘कू’ के साथ एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किया है. इससे अब उत्तर प्रदेश के उत्पादों को प्रमोट करने में मदद मिलेगी.
उत्तर प्रदेश सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल और ‘कू’ के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी अप्रमेय राधाकृष्ण ने बुधवार को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया और एमओयू का आदान-प्रदान किया. इसके तहत ‘कू’ अपने यूजर्स के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए ओडीओपी से जुड़ी सामग्री और उत्पादों का 10 भाषाओं में प्रचार-प्रसार का मंच प्रदान करेगा. इसके अलावा, ‘कू’ कॉरपोरेट सेक्टर में उपहार देने के लिए भी ओडीओपी के उत्पाद भी खरीदेगा.
MSME विभाग ने ‘कू’ के साथ किया एमओयू साइन
इस समझौता ज्ञापन से गैर अंग्रेजी भाषी कारीगरों एवं लोगों तक ओडीओपी से जुड़े कार्यक्रमों और योजनाओं तक पहुंच हो जाएगी. साथ ही उत्तर प्रदेश के स्थानीय कारीगरों के पास और बड़ा बाजार उपलब्ध हो जाएगा. इससे उन्हें अपना व्यवसाय बढ़ाने में मदद मिलेगी. ‘कू’ ऐप पर उपलब्ध ओडीओपी हैंडल @UP_ODOP पर जाकर इसके बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है. इस बारे में एमएसएमई अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने कहा कि कू के साथ यह जुड़ाव हमारे ओडीओपी उत्पादों को बड़े यूजर्स तक पहुंचाने में मदद करेगा और कई क्षेत्रीय भाषाओं में ओडीओपी के विषय में बातचीत को बढ़ावा देगा.
कू के सह-संस्थापक अप्रमेय राधाकृष्ण ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश सरकार के साथ इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करते हुए हमें खुशी हो रही है. जब भी ओडीओपी (ODOP) के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को विश्व स्तर पर बढ़ावा देने की बात आती है तो यूपी की गिनती एक अग्रणी राज्य के तौर पर होती है. हमारे लिए स्थानीय कारीगरों एवं उनके शिल्प को विभिन्न भाषाओं में शेष भारत में बढ़ावा देने में मदद करना खुशी की बात है.
ये भी पढ़ें : भू-माफियाओं ने किया करोड़ों की सरकारी जमीनों का सौदा, जानें मामला
'एक जिला एक उत्पाद' (ODOP) 2018 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शुरू की गई एक प्रमुख पहल है. जिसका उद्देश्य उत्तर प्रदेश के स्थानीय कारीगरों को उनके उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार करना, उनकी मार्केटिंग और ब्रांडिंग में मदद करके स्वदेशी उत्पादों और शिल्पकारों को प्रोत्साहित करना है. साथ ही इससे जुड़ी कारीगरों की आय बढ़ाकर रोजगार के नए अवसर पैदा करना है. योजना की सफलता का आकलन इससे ही किया जा सकता है कि अब इस पहल को केंद्र सरकार और देश भर के अन्य राज्यों द्वारा दोहराया जा रहा है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप