लखनऊ : एलडीए के पार्कों में वर्षों तक निजी एजेंसियां सफाई करती रहीं. सफाई कम हुई लेकिन इसके नाम पर करोड़ों का बजट (crores of budget) जरूर साफ किया जाता रहा. अनेक बार शिकायत और जांच के बाद अब लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) ने अपने ही कर्मचारियों से सफाई का काम शुरू करा दिया है. करोड़ों रुपए का खेल करने वाली निजी कंपनियां और उनसे मिले अफसर साफ बच निकले हैं. उन पर आखिर एक्शन कब होगा यह बड़ा सवाल है.
लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा अनुरक्षित पार्कों में साफ-सफाई का काम अब ठेके पर नहीं होगा, बल्कि यह कार्य विभागीय कर्मचारी करेंगे. प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ इन्द्रमणि त्रिपाठी ने हाल ही में विभिन्न पार्कों का औचक निरीक्षण किया. जिसमें अधिकांश जगहों पर साफ-सफाई की स्थिति ठीक नहीं मिली. उपाध्यक्ष ने सफाई व्यवस्था को लेकर आम जनता से जब फीडबैक लिया तो लोगों ने असंतोष व्यक्त किया. इस पर उपाध्यक्ष ने सभी पार्कों में साफ-सफाई के लिए ठेकेदारी प्रथा खत्म करने के आदेश जारी किये हैं.
उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने इस सम्बंध में अधिकारियों के साथ एक बैठक की थी. उन्होंने कहा कि प्राधिकरण द्वारा शहर के अलग-अलग इलाकों में 26 प्रमुख पार्कों का अनुरक्षण किया जाता है, जिसमें से 18 नजूल पार्क हैं. उन्होंने निर्देशित किया कि नजूल पार्कों को भी जनेश्वर मिश्र पार्क व राम मनोहर लोहिया पार्क की तर्ज पर ही सुव्यवस्थित रखा जाए. इसके लिए उन्होंने नजूल पार्कों में साफ-सफाई, औद्यानिकीकरण व मेन्टेनेंस आदि के कार्यों के लिए 72 अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती के आदेश जारी किये हैं. उपाध्यक्ष ने अफसरों को निर्देशित किया कि अब से विभागीय कर्मचारियों से ही पार्कों में साफ-सफाई का कार्य कराया जाएगा. इसके लिए कर्मियों की शिफ्टवार ड्यूटी लगायी जाए और उन्हें पर्याप्त मात्रा में डस्टिंग, क्लीनिंग के उपकरण व केमिकल आदि उपलब्ध कराया जाए. उन्होंने कहा कि पार्कों में लगी महापुरूषों, राष्ट्रीय प्रतिमाओं की नियमित रूप से सफाई करायी जाए.