लखनऊ : राजधानी के सरकारी अस्पतालों में इस समय मरीजों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गई है. वहीं पीडियाट्रिक विभाग में भी गंभीर रूप से डायरिया और बुखार से पीड़ित बच्चे (children with fever) अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं. जिनकी प्लेटलेट्स अभी कम है, लेकिन रिपोर्ट में सब कुछ नॉर्मल है. इन दिनों अस्पताल के पीडियाट्रिक विभाग में एक दिन में 250 से अधिक मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं.
बाराबंकी से आईं आफरीन ने बताया कि बच्चे को कुछ दिनों से बुखार था. उसके बाद हमने निजी अस्पताल में दिखाया, लेकिन बुखार कम नहीं हुआ. ऐसे में बच्चे को सांस लेने में दिक्कत होने लगी. फिर सरकारी अस्पताल में दिखाया, जहां से सिविल अस्पताल रेफर किया गया. यहां आने के बाद बच्चे को दो बोतल ग्लूकोज चढ़ाया गया. उसके बाद जितनी भी जरूरी जांचें थीं वह सभी हुईं. सभी रिपोर्ट नॉर्मल आई है. जब से बुखार होना शुरू हुआ है, तब से बच्चे को सांस लेने दिक्कत हो रही है. सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया है कि बच्चे को इंफेक्शन हो गया है, जिसके कारण बुखार की वजह से बच्चा कमजोर हो गया है.
सरोजिनी नगर निवासी प्रतिभा ने बताया कि 12 साल का बच्चा करीब 15 घंटे वायरल बुखार से पीड़ित है. बुखार चढ़ता है और उतर जाता है. शरीर में लाल चकत्ते हो रहे थे. देखने में चिकन पॉक्स लग रहा था, लेकिन यहां आकर पता चला इसे इंफेक्शन था. पैरों में भी काफी ज्यादा सूजन हो गई तो उसके बाद हम सिविल अस्पताल लेकर आए. सिविल अस्पताल में दो दिन से भर्ती है. ब्लड टेस्ट से लेकर एलाइजा जांच तक हो चुकी है, लेकिन रिपोर्ट में कुछ नहीं आया. न तो डेंगू है न मलेरिया और टाइफाइड, बावजूद इसके बुखार नहीं जा रहा है. प्लेटलेट्स काफी कम हो गई हैं.
शीला ने बताया कि 11 साल के बच्चे को बुखार बहुत ज्यादा है. लंबे समय से बुखार रहने की वजह से बच्चा बहुत कमजोर हो गया है. डॉक्टर बता रहे हैं प्लेटलेट्स की काफी कमी हुई है. ऐसे में बच्चा कमजोर हो गया है. बेहतर यही है कि समय पर बच्चे को अस्पताल में भर्ती किया जाए और जहां पर उसकी देख रहे हो. सुबह शाम डॉक्टर देख रहे हैं. डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड की रिपोर्ट नेगेटिव आई है, बावजूद इसके प्लेटलेट्स काफी कम हैं.