उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / city

सरकारी अस्पतालों में बुखार से पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़ी, इन बातों का रखें ख्याल - children with fever

राजधानी के सरकारी अस्पतालों में इस समय मरीजों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गई है. वहीं पीडियाट्रिक विभाग में भी गंभीर रूप से डायरिया और बुखार से पीड़ित बच्चे (children with fever) अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं.

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : Oct 4, 2022, 8:45 PM IST

लखनऊ : राजधानी के सरकारी अस्पतालों में इस समय मरीजों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गई है. वहीं पीडियाट्रिक विभाग में भी गंभीर रूप से डायरिया और बुखार से पीड़ित बच्चे (children with fever) अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं. जिनकी प्लेटलेट्स अभी कम है, लेकिन रिपोर्ट में सब कुछ नॉर्मल है. इन दिनों अस्पताल के पीडियाट्रिक विभाग में एक दिन में 250 से अधिक मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं.

बाराबंकी से आईं आफरीन ने बताया कि बच्चे को कुछ दिनों से बुखार था. उसके बाद हमने निजी अस्पताल में दिखाया, लेकिन बुखार कम नहीं हुआ. ऐसे में बच्चे को सांस लेने में दिक्कत होने लगी. फिर सरकारी अस्पताल में दिखाया, जहां से सिविल अस्पताल रेफर किया गया. यहां आने के बाद बच्चे को दो बोतल ग्लूकोज चढ़ाया गया. उसके बाद जितनी भी जरूरी जांचें थीं वह सभी हुईं. सभी रिपोर्ट नॉर्मल आई है. जब से बुखार होना शुरू हुआ है, तब से बच्चे को सांस लेने दिक्कत हो रही है. सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया है कि बच्चे को इंफेक्शन हो गया है, जिसके कारण बुखार की वजह से बच्चा कमजोर हो गया है.

जानकारी देतीं संवाददाता अपर्णा शुक्ला

सरोजिनी नगर निवासी प्रतिभा ने बताया कि 12 साल का बच्चा करीब 15 घंटे वायरल बुखार से पीड़ित है. बुखार चढ़ता है और उतर जाता है. शरीर में लाल चकत्ते हो रहे थे. देखने में चिकन पॉक्स लग रहा था, लेकिन यहां आकर पता चला इसे इंफेक्शन था. पैरों में भी काफी ज्यादा सूजन हो गई तो उसके बाद हम सिविल अस्पताल लेकर आए. सिविल अस्पताल में दो दिन से भर्ती है. ब्लड टेस्ट से लेकर एलाइजा जांच तक हो चुकी है, लेकिन रिपोर्ट में कुछ नहीं आया. न तो डेंगू है न मलेरिया और टाइफाइड, बावजूद इसके बुखार नहीं जा रहा है. प्लेटलेट्स काफी कम हो गई हैं.

शीला ने बताया कि 11 साल के बच्चे को बुखार बहुत ज्यादा है. लंबे समय से बुखार रहने की वजह से बच्चा बहुत कमजोर हो गया है. डॉक्टर बता रहे हैं प्लेटलेट्स की काफी कमी हुई है. ऐसे में बच्चा कमजोर हो गया है. बेहतर यही है कि समय पर बच्चे को अस्पताल में भर्ती किया जाए और जहां पर उसकी देख रहे हो. सुबह शाम डॉक्टर देख रहे हैं. डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड की रिपोर्ट नेगेटिव आई है, बावजूद इसके प्लेटलेट्स काफी कम हैं.

सिविल अस्पताल के पीडियाट्रिक डॉ. पीके गुप्ता ने बताया कि अस्पताल में इस समय भारी संख्या में बुखार से पीड़ित बच्चे इलाज के लिए आ रहे हैं. इस मौसम में आने वाला बुखार जानलेवा साबित हो रहा है. सिविल अस्पताल में इस समय वायरल बुखार से पीड़ित मरीज ज्यादातर रेफर होकर आ रहे हैं. लंबे समय तक बच्चे बुखार से पीड़ित होने की वजह से बच्चे शारीरिक रूप से कमजोर हो जाते हैं. रिपोर्ट में कुछ भी नहीं निकलता है, लेकिन बच्चे की प्लेटलेट्स काफी कम रहती है. इसका मतलब बीमारी रिपोर्ट में नहीं आ रही है.

डॉ. गुप्ता ने बताया कि इस वक्त मौसमी बीमारी काफी अधिक फैल रही है. ऐसे में लंबे समय तक वायरल बुखार की चपेट में आने से बच्चे की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है. वायरल बुखार बॉडी ऑर्गन पर भी बुरा प्रभाव डालता है. वायरल बुखार पूरी तरह से व्यक्ति के शरीर को कमजोर करता है. वायरल फीवर भी काफी खतरनाक है. ऐसे में कोशिश करें कि बच्चे को मच्छरदानी में सुलाएं.

यह भी पढ़ें : मूर्ति विसर्जन के दौरान गोमती नदी में डूबने से दो की मौत
बचाव

- बच्चों को रात में मच्छरदानी में सुलाएं.
- बचा हुआ या फ्रिज में रखा खाना बच्चे को न खिलाएं.
- ठंडी चीजें खाने को न दें.
- नॉर्मल या गर्म पानी पिलाएं.

- अधिक से अधिक पानी पिलाएं.
- हेल्दी डाइट बच्चे को दें.
- बाहर खेलते वक्त मच्छर से बचाने वाली क्रीम लगाएं.
- फुल कपड़े पहनाएं.

यह भी पढ़ें : केजीएमयू का हाल, तीमारदार बोले, जिसका पावर उसका मरीज होता है भर्ती

ABOUT THE AUTHOR

...view details