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अब हर जिले में होगी महिला व बाल सुरक्षा संगठन यूनिट, ऐसे करेगी काम

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि पुलिस की विभिन्न शाखाओं जिसमें महिला सहायता प्रकोष्ठ, महिला अपराध शाखा व बाल कल्याण को मिलाया जाएगा.

उत्तर प्रदेश पुलिस
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Published : May 20, 2022, 6:04 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा के लिए बनाए गए महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन की इकाई अब हर जिले में स्थापित होगी. इसके लिए जिले में पहले से महिलाओं के लिए कार्य कर रही यूनिट को संयोजित किया जाएगा. सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गृह विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं. अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि पुलिस की विभिन्न शाखाओं जिसमें महिला सहायता प्रकोष्ठ, महिला अपराध शाखा व बाल कल्याण को मिलाया जाएगा. इसके बाद इनको महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन की जनपदीय इकाई के रूप में स्थापित किया जाएगा.

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि जिला महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन के तहत संबंधित जिले का महिला थाना व एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट नई इकाई के पर्यवेक्षण में कार्य करेगा. इसके पर्यवेक्षण संबंधी कार्य पुलिस प्रभारी द्वारा किए जाएंगे. राज्य मुख्यालय पर इस इकाई का अनुश्रवण महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन द्वारा भी किया जाएगा. जनपदीय महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन द्वारा जिले में महिला एवं बाल अपराधों की कार्रवाई का अनुश्रवण किया जाएगा. उनका डाटा बेस भी तैयार करने में सहयोग करेगा. इसके द्वारा राष्ट्रीय महिला आयोग, राज्य महिला आयोग, आईजीआरएस, महिला हेल्पडेस्क, लोक शिकायत, महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन (1090), सीएम हेल्प लाइन, यूपी 112 से प्राप्त महिला उत्पीड़न संबंधी शिकायतों का निस्तारण किया जाएगा.

जिला यूनिट का कैसा होगा ढांचा :अपर मुख्य सचिव गृह के मुताबिक, महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन इकाई के जिला कार्यालय में कार्य के अनुसार 4 अनुभाग बनाये जाने का निर्णय लिया गया है. यह अनुभाग महिला हेल्प डेस्क, महिला सहायता प्रकोष्ठ (परामर्श केंद्र), महिला सम्मान कोष (आर्थिक सहायता), महिला आयोग व महिला बाल सुरक्षा संगठन होंगे.

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जिले में तैनात पुलिस अधिकारी करेंगे लीड :अपर मुख्य सचिव गृह के मुताबिक, इन सभी इकाईयों का प्रभार कमिश्नरेट (जिला) में तैनात पुलिस उपाधीक्षक, अपर पुलिस अधीक्षक, अपराध स्तर के अधिकारी को दिये जाने का निर्णय लिया गया है. चारों अनुभागों के हर अनुभाग में एक-एक इंस्पेक्टर, दरोगा और इनके सहयोगी के रूप में एक मुख्य आरक्षी व तीन-तीन आरक्षी तैनात होंगे. इसमें पुलिस बल के कम से कम 50 प्रतिशत महिला अधिकारी-कर्मचारी होंगे.

दर्ज होगी शिकायत :अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन की जिला यूनिट में पाॅस्को एक्ट, जेजेएक्ट, धारा 304 बी, 354, 376, 363/366 व 458ए जैसे अपराधों का ऑब्सर्वेसन, जिला/कमिश्नरेट स्तर से व मॉनिटरिंग महिला बाल एवं सुरक्षा संगठन करेगी.

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