लखनऊ:मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में यूपी जेवर में बन रहे नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट को लेकर संयुक्त समन्वय समिति के साथ बैठक की. मुख्य सचिव ने बैठक में उपस्थित अधिकारियों को एयरपोर्ट संचालन को लेकर दिशा-निर्देश दिए. मुख्य सचिव ने कहा कि जेवर इण्टरनेशनल एयरपोर्ट एनसीआर, प्रदेश समेत देश की बढ़ती उड्डयन जरूरतों को पूरा करने के साथ ही देश के एक बड़े कामर्शियल हब के रूप में विकसित होगा.
उन्होंने कहा कि पर्यटकों की सुविधा में बढ़ोत्तरी के साथ औद्योगिक इकाइयों, हस्तशिल्पियों व किसानों के उत्पादों के निर्यात को बढ़ाने की दृष्टि से एयर कार्गाे को बढ़ावा देने पर खास जोर दिया जाए. एयरपोर्ट पूरी तरीके से ईको फ्रेंडली ग्रीन एयरपोर्ट के रूप में विकसित हो. पानी की एक-एक बूंद बचाने पर जोर दिया जाए. एयरपोर्ट का वॉटर बैलेंस व वॉटर मैनेजमेंट प्लान पूरे रिसर्च के साथ बने. ताकि भविष्य में पानी की समस्या न आए. इसके साथ ही एसटीपी, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग, वॉटर स्टोरेज के साथ वॉटर रिसाइक्लिंग की पूरी व्यवस्था हो.
मुख्य सचिव ने कहा कि आधुनिक तकनीकी का प्रयोग कर हमें एयरपोर्ट की सुरक्षा, पेपर लेस, कॉन्टैक्ट लेस सिस्टम को मजबूत बनाने पर काम करना होगा. कोई भी काम किसी भी वजह से रुके नहीं. विभागों के आपसी तालमेल से काम को तेजी से आगे बढ़ाना है. खुले दिमाग से नई तकनीकी, नई सोच के साथ हम जेवर एयरपोर्ट को ऐसे मॉडल एयरपोर्ट के रूप में विकसित करें जो दुनिया के लिए प्रेरणा बने.
मुख्य सचिव ने कहा कि ये हम सबके लिए प्रसन्नता का विषय है कि यूपी सरकार ने वायुयानों का मेंटेनेंस, रिपेयरिंग और ओवरहालिंग की नीति को मंजूरी दे दी है. जिसके तहत जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास दो एमआरओ हब बनाए जाएंगे. जो देश का सबसे बड़ा एमआरओ हब होगा. इसके निर्माण के बाद विमानों की मरम्मत के लिए विदेश नहीं जाना होगा. विमानों के रखरखाव में दूसरे देशों पर निर्भरता खत्म होगी और प्रदेश एमआरओ के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा.