लखनऊ : उत्तर प्रदेश में अब तक कई जिलों में सूखे के हालात बने हुए हैं. प्रदेश में 50 फीसदी से भी कम बारिश हुई है. ऐसे में राज्य सरकार उत्तर प्रदेश में बारिश ना होने को लेकर काफी चिंतित है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने सूखे की स्थिति से निपटने को लेकर एक रिपोर्ट शासन के बड़े अफसरों से मांगी है. वहीं उत्तर प्रदेश के कई जिलों को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग की तेजी से हो रही है.
ऐसे में सरकार पूरी विस्तृत रिपोर्ट लेने के बाद प्रदेश को सूखाग्रस्त घोषित करने के बारे में बड़ा फैसला कर सकती है. उत्तर प्रदेश में कम बारिश की वजह से किसान परेशान हैं और किसानों की फसल भी तैयार नहीं हो पा रही है. खरीफ की फसलों को बचा पाना भी किसानों के लिए किसी बड़ी मुसीबत से कम नहीं है. उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के सांसद विधायकों के साथ-साथ विपक्षी दलों के तमाम नेताओं ने उत्तर प्रदेश के कई जिलों को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग भी की है. जिससे सूखा राहत सहायता लेकर किसान अपना जीवन यापन बेहतर कर सकें और अपनी फसल ना होने के चलते अपनी जीविका आगे बढ़ा सकें.
जानकारी देते संवाददाता धीरज त्रिपाठी
मौसम विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश में बारिश का आंकड़ा 50 फ़ीसदी से भी नीचे है. उत्तर प्रदेश में अब तक मात्र 48.1 फीसद बारिश हो पाई है. 19 जिले उत्तर प्रदेश के ऐसे हैं जहां मात्र 40 फीसद तक ही बारिश हुई है. जो उत्तर प्रदेश को सूखाग्रस्त होने की तरफ आगे ले जा रही है. उत्तर प्रदेश में बारिश ना होने, फसलों को नुकसान या अन्य स्थिति से निपटने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने पिछले दिनों एक महत्वपूर्ण बैठक की थी और अफसरों को यह दिशा निर्देश दिए थे कि हर स्तर पर अपनी तैयारी रखी जाए. जिससे कहीं कोई समस्या किसानों को ना आने दिया जाए और पूरी कार्य योजना बनाकर काम किया जाए. अब उत्तर प्रदेश में जब अब तक मात्र 50 फीसद से भी कम बारिश हुई है तो सरकार पूरी तरह से चिंतित हो गई है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने उत्तर प्रदेश में सूखा से निपटने को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. जिसके बाद मंथन किया जाएगा और यह देखा जाएगा कि क्या उत्तर प्रदेश को सूखाग्रस्त घोषित किया जा सकता है या नहीं. उत्तर प्रदेश को सूखाग्रस्त घोषित किया जाएगा तो बाकायदा एक बड़ा राहत पैकेज भी राज्य सरकार के स्तर पर किसानों के लिए देना करना पड़ेगा. जिससे राज्य सरकार पर एक बड़ा वित्तीय भार भी पड़ेगा. ऐसी स्थिति में राज्य सरकार को केंद्र सरकार से सूखाग्रस्त घोषित होने पर बजट की भी डिमांड करनी पड़ सकती है. ऐसी तमाम स्थितियों का आंकलन करने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने एक विस्तृत रिपोर्ट शासन के वरिष्ठ अफसरों से मांगी है.
सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने पूरी स्थिति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों से कहा है कि वर्तमान समय में हुई बारिश को देखते हुए किसानों को अतिरिक्त सहायता दिया जाना जरूरी है. धान की पैदावार पर भी बुरा असर पड़ने की पूरी आशंका है. इस बीच सब्जी की खेती को भी प्रोत्साहित करना एक बेहतर विकल्प माना जा रहा है. ऐसे में राज्य सरकार सभी स्थितियों पर पूरी नजर बनाए हुए है और आने वाले कुछ दिनों में इस बारे में कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है. पूरे उत्तर प्रदेश की बात करें तो औसत 48.1 फीसद बारिश हुई है, जबकि अलग-अलग क्षेत्रों की बात करें तो मध्य उत्तर प्रदेश में 46 फीसद बारिश हुई है. पूर्वांचल की बात करें तो सबसे कम बारिश 41.7 फीसद बारिश हुई है. बुंदेलखंड की बात करें तो स्थिति कुछ बेहतर है करीब 64 फीसद बारिश हुई है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां पर 54 फ़ीसदी बारिश अभी तक हुई है.
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'उत्तर प्रदेश के मौसम निदेशक जेपी गुप्ता ने फोन पर कहा कि फिलहाल बारिश 50 फीसद के आसपास हुई है हमें उम्मीद है कि सितंबर के अंत में जब बारिश विदा होगी तब तक अच्छी बारिश होगी. बाकी स्थितियों से निपटने को लेकर राज्य सरकार प्रयास कर रही है. सूखाग्रस्त घोषित किए जाने या ना किए जाने को लेकर हम कुछ नहीं कह सकते. फिलहाल उत्तर प्रदेश में बारिश की स्थिति बहुत कम यानी 50 फीसद के आसपास ही है.'
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