लखनऊ : बुंदेलखंड के 31 किले हेरिटेज पर्यटन केंद्र में तब्दील किए जाएंगे. यहां वाटर स्पोर्ट्स का आनन्द भी पर्यटक ले सकेंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को बुंदेलखंड के विकास के लिए ठोस कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बुंदेलखंड का पूरा क्षेत्र ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों से संपन्न है. झांसी, बांदा, जालौन, ललितपुर, हमीरपुर, महोबा और चित्रकूट में ऐतिहासिक स्मृतियों को संजोए अनेक प्राचीन दुर्ग, किले व गढ़ हैं. हमें नई पीढ़ी को इनके महत्व से परिचय कराना चाहिए. इस संबंध में व्यवस्थित कार्य किये जाने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि कलिंजर का किला 542 हेक्टेयर के विशाल परिक्षेत्र में अवस्थित है. यहां निजी क्षेत्र की सहभागिता से लाइट एंड साउंड शो, कैम्पिंग-ट्रेकिंग रॉक क्लाइम्बिंग और फ़साड लाइटिंग का कार्य कराया जाए. किले पर नाइट गकेजिंग तथा नेचर ट्रेल की गतिविधियों को शुरू किया जाना चाहिए. झांसी दुर्ग में पर्यटकों का आगमन होता है, वहीं समीप में स्थित बरुआ सागर किला तक जाने के लिए सुगम साधन की जरूरत है. 12 एकड़ परिसर वाला टहरौली किला और 4 एकड़ परिसर वाली दिगारा की गढ़ी, चिरगांव का किला, लोहागढ़ का किला, चम्पत राय का महल, रघुनाथ राव का महल की स्थिति जीर्ण-शीर्ण हो रही है. इनके पुनरोद्धार के लिए ठोस प्रयास किये जायें. उन्होंने कहा कि बरूआ सागर किले, टहरौली के किले, दिगारा की गढ़ी, चम्पत राय के किले, महल महिपाल निवास, सरीला और रघुनाथ राव के महल को हेरिटेज होटल के रूप में विकसित कर फ़साड लाइटिंग की जाए.
उन्होंने कहा कि बरुआ सागर के समीप स्थित और तालबेहट किले के नीचे स्थित झीलों पर वॉटर स्पोर्ट्स, एडवेंचर टूरिज्म की गतिविधियों को शुरू किया जाए. मड़ावरा के किले और सौराई के किले पर पर्यटन की दृष्टि से पहुंच मार्ग, साइनेज तथा पेयजल व्यवस्था को बेहतर करें. देवगढ़ (दुर्ग) परकोटे के नीचे बेतवा नदी में वॉटर स्पोर्ट की संभावनाएं हैं. इसी प्रकार महावीर स्वामी अभ्यारण्य तथा बानपूर्वक किले को इको-टूरिज्म को विकसित किया जाए. इनके जीर्णोद्धार के लिए पीपीपी मॉडल अपनाया जाना चाहिए. बुंदेलखंड में किलों के जीर्णोद्धार के साथ टूरिज्म की संभावनाओं को आकार देने के लिए प्रोफेशनल एजेंसी द्वारा अध्ययन कराया जाए. इस महत्वपूर्ण परियोजना में अन्तरविभागीय समन्वय की आवश्यकता होगी. पर्यटन, संस्कृति, ग्राम्य विकास, नगर विकास, परिवहन, नागरिक उड्डयन, खेल, गृह, औद्योगिक विकास और जल शक्ति विभाग की भूमिका महत्वपूर्ण होगी.