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सीएम योगी ने कहा, अतीत को जोड़ने के साथ ज्ञानवर्धन का माध्यम है डाक टिकट प्रदर्शनी - राज्य स्तरीय डाक टिकट प्रदर्शनी यूफिलेक्स 2022

मुख्यमंत्री ने शनिवार को डाक विभाग उप्र परिमंडल की ओर से आयोजित 12वीं राज्य स्तरीय डाक टिकट प्रदर्शनी यूफिलेक्स 2022 (postage stamp exhibition Ufilex 2022) के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि भगवान श्रीराम के वनवास के दौरान राम वनगमन को यूपी के प्रमुख 14 क्षेत्रों को स्पेशल कवर के माध्यम से देखने का अवसर प्राप्त हुआ.

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Published : Oct 15, 2022, 6:01 PM IST

लखनऊ : डाक सेवाओं ने टिकटों के संग्रह को एक समय काफी रुचि का क्षेत्र बना दिया था. डाक विभाग ने उस माध्यम से वर्तमान को समेटते हुए अतीत को जोड़ने का बेहतर प्रयास किया था. आज की प्रदर्शनी में 300 प्रकार के अधिफ्रेम लगे हैं. उद्घाटन के दौरान आजादी के बाद से लगातार अब तक अलग-अलग समय में कौन से डाक टिकट व स्पेशल कवर जारी हुए हैं, यह देखने का अवसर मिला. यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहीं.

मुख्यमंत्री ने शनिवार को डाक विभाग उप्र परिमंडल की ओर से आयोजित 12वीं राज्य स्तरीय डाक टिकट प्रदर्शनी यूफिलेक्स 2022 (postage stamp exhibition Ufilex 2022) के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि भगवान श्रीराम के वनवास के दौरान राम वनगमन को यूपी के प्रमुख 14 क्षेत्रों को स्पेशल कवर के माध्यम से देखने का अवसर प्राप्त हुआ. यह कलेक्शन तो है ही, अतीत को जोड़ने के साथ ज्ञानवर्धन व मनोरंजन का माध्यम भी बन रहा है. यह पुराना कलेक्शन उस समय की तकनीक के बारे में नजदीक से जोड़ने और उस समय पैसे की क्या कीमत थी, इस पर भी ध्यान आकर्षित करता है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया प्रर्दशनी का उद्धाटन




सीएम ने कहा कि समय-समय पर कार्यक्रमों से जुड़ने के अवसर मिलते हैं. यूपी इस दृष्टि से काफी समृद्ध है. किसी विशिष्ट घटना, कार्यक्रम या महापुरूष को लेकर डाक टिकट जारी हुआ है तो वह इतिहास को समेटे रहता है. इतिहास व सूचना के साथ वर्तमान पीढ़ी के लिए संग्रहणीय व ज्ञानवर्धन का माध्यम बनता है. यह कार्यक्रम तमाम उतार चढ़ाव के बाद भी डाक विभाग जारी रखे है और तेजी से बढ़ा रहा है. इसके लिए विभाग बधाई का पात्र है. यह हमें रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ता है. यूपी इस दृष्टि से काफी समृद्धशाली है. भगवान राम के वन गमन की बात करें तो 12 वर्ष भगवान ने यूपी में व्यतीत किए. चित्रकूट इसका साक्षी है. स्वाभाविक रूप से यह काफी जानकारी देता है. उस समय साधन नहीं थे. आज साधन है तो एक-एक स्थल उस समय के गवाह हैं कि भगवान किन रास्तों से वन गए थे और उस समय के समाज को सभ्य बनने के लिए सुरक्षित माहौल देने का कार्य किया था. यह चीजें आज भी ध्यान आकर्षित करती हैं.

डाक टिकट व स्पेशल कवर जारी

सीएम ने कहा कि मुझे बताया गया कि 17 अक्टूबर को भगवान बुद्ध से जुड़े 6 प्रमुख स्थलों को लेकर परिशिष्ट जारी किए जाएंगे. भगवान बुद्ध का परिवार कपिलवस्तु में निवास करता था. भगवान बुद्ध ने पहला ज्ञान यूपी के सारनाथ में दिया था. सर्वाधिक चातुर्मास यूपी में ही व्यतीत किए थे. उनसे जुड़े तीन महत्वपूर्ण केंद्र महापरिनिर्वाण स्थल कुशीनगर, कौशांबी व संकिसा यूपी में हैं. भगवान बुद्ध से जुड़े छह प्रमुख स्थल यूपी में हैं. बौद्ध धर्म के अनुयायी यहां आकर इन स्थलों के प्रति आस्था प्रकट करते हैं. जब भी विश्व मानवता के सामने संकट खड़ा होगा, मैत्री व करुणा के लिए बुद्ध की धरती की तरफ आशा भरी निगाहों से देखा जाएगा. यह कलेक्शन अतीत को समेटकर इतिहास व ज्ञानवर्धन का कोष भी डाक टिकट व स्पेशल कवर के माध्यम से हमारे सामने प्रस्तुत करता है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

सीएम ने कहा कि भारत की आध्यात्मिक व सांस्कृतिक विरासत की आत्मा यूपी के स्थलों में निवास करती है. भारत के कुंभ की परंपरा को वैश्विक मान्यता मिलती है. यूनेस्को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता देता है. कुंभ से जुड़े स्थलों की चर्चा होती है तो सभी प्रयागराज की तरफ देखते हैं. कुंभ भारत के चार स्थल पर लगते हैं पर जब भी चर्चा होती है तो बरबस ध्यान उस ओर ही जाता है.




मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी की लड़ाई की बात होती है तो 1857 के प्रथम स्वातंत्र्य समर से लेकर 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के घटनाक्रम सामने आते हैं. कैसे यूपी में जन्मे मंगल पांडेय ने प्रथम स्वातंत्र्य समर का शुभारंभ किया था. धन सिंह कोतवाल के नेतृत्व में मेरठ में समर को बढ़ाने का काम हुआ था. झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे बिठूर में इसकी अगुवाई कर रहे थे. 1922 में चौरीचौरा, काकोरी की घटना और भारत छोड़ो आंदोलन में यूपी के अलग-अलग स्थानों का योगदान रहा है. सामान्य रूप से इतिहास की किताबों को लोग देखते हैं तो कभी-कभी वह बच्चों के लिए उबाऊ होता है, लेकिन स्पेशल कवर व डाक टिकट से उन्हें अवगत कराएंगे तो कलेक्शन और ज्ञानवर्धन भी होगा. यूपी अनेक ऐसी घटनाओं का साक्षी है. यूपी इस मामले में सबसे समृद्धशाली है. सबसे उर्वरा भूमि व जल संसाधन भी हमारे पास है. आप देख रहे हैं धूप आई है, लेकिन यूपी के 17 जिलों में इस समय बाढ़ है. बारिश न पानी, लेकिन बारिश व नदियों का पानी व्यापक क्षेत्र को बाढ़ की चपेट में मिलाए है. अजीब सी स्थिति है, उन स्थितियों में इन चीजों का संग्रह कर लोगों को भविष्य के प्रति भी जागरूक कर सकते हैं.

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सीएम ने कहा कि यूपी की सांस्कृतिक व आध्यात्मिक परंपरा को डाक टिकट व स्पेशल कवर के माध्यम से संरक्षित करने की आवश्यकता है. भावी पीढ़ी को सहज व सरल तरीके से ग्राफिक्स व चित्र के माध्यम से घटना को ध्यान में रखकर ध्यानाकर्षण करेंगे तो लोग आसानी से समझ जाते हैं. यह माध्यम गागर में सागर का काम करेगा. साथ ही यह कार्यक्रम इतिहास को समेटकर संरक्षित करने का प्रयास हो सकता है.

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