लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने रक्षाबंधन से पहले यात्रियों को नई बसों की सौगात दे दी है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को रोडवेज बसों का उद्घाटन किया. निगम के अधिकारियों की तरफ से बताया गया कि 150 बसों का उद्घाटन हुआ है, लेकिन हकीकत है कि 148 बसों का उद्घाटन हो पाया है. वजह है कि दो बसें यूरो 6 मॉडल पर कानपुर स्थित रोडवेज की केंद्रीय कार्यशाला में तैयार हो रही हैं, जिससे वह अभी सड़क पर नहीं उतर सकती हैं. इसके अलावा जिन 148 बसों का उद्घाटन मुख्यमंत्री ने किया है उनमें से ज्यादा संख्या में बसें एनसीआर क्षेत्र को सौंपी जाएंगी. इसके पीछे वजह है कि एनसीआर में प्रदूषण के स्तर को कंट्रोल करने के लिए नई बसों की आवश्यकता है. पुरानी बसों से ज्यादा प्रदूषण फैलता है. ऐसे में इस क्षेत्र में संचालित हो रही पुरानी बसों को प्रदेश के अन्य डिपो में भेजा जाएगा जबकि, नई बसों की बड़ी खेप एनसीआर को सौंपी जाएगी.
उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक (संचालन) आशुतोष गौड़ बताते हैं कि मुख्यमंत्री ने जिन बसों का उद्घाटन किया है, उनमें से सभी डिपो को दो-दो बस दी जाएंगी. परिवहन निगम में कुल 115 डिपो हैं और 20 क्षेत्रीय कार्यालय हैं. फिलहाल, अभी के लिए इन सभी परिक्षेत्रों के विभिन्न डिपो को अलग-अलग संख्या में बसों का विभाजन किया गया है.
एनसीआर क्षेत्र को मिलेंगी सबसे ज्यादा नई बसें, सभी डिपो को मिलेंगी दो - मुख्यमंत्री ने किया उद्घाटन
उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक (संचालन) आशुतोष गौड़ बताते हैं कि मुख्यमंत्री ने जिन बसों का उद्घाटन किया है, उनमें से सभी डिपो को दो-दो बस दी जाएंगी. परिवहन निगम में कुल 115 डिपो हैं और 20 क्षेत्रीय कार्यालय हैं.
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लखनऊ रीजन के बात करें तो चारबाग और कैसरबाग डिपो को कुल 15 बसें उपलब्ध कराई गई हैं. इनमें से पांच बसें चारबाग डिपो और 10 बसें कैसरबाग डिपो को मिली हैं. इसके अलावा परिवहन निगम के अधिकारी बताते हैं कि गोरखपुर, बनारस, अयोध्या रीजन को बसें उपलब्ध कराई गई हैं. यह सभी रीजन पूर्वांचल क्षेत्र को कवर करेंगे. लखनऊ से जो बसें संचालित होंगी वह कानपुर को कवर करेंगी. ज्यादा बसें एनसीआर क्षेत्र को भेजी जा रही हैं. रोडवेज के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि आपस में तालमेल के साथ परिवहन निगम में बसों का आदान-प्रदान होगा.
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उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की केंद्रीय कार्यशाला को यूरो सिक्स बसों की बॉडी बनाने के लिए सर्टिफिकेट की आवश्यकता पड़ेगी. इसके लिए परिवहन निगम की तरफ से प्रक्रिया शुरू की गई है. पुणे स्थित एआरएआई संस्था की तरफ से सर्टिफिकेट जारी होने के बाद ही कार्यशाला को बस बॉडी बनाने की अनुमति होगी. इसके बाद ही रोडवेज की कार्यशाला में नई बसों की बॉडी तैयार की जा सकेगी. अभी दो बसें यूरो 6 मॉडल पर वर्कशॉप में तैयार की जा रही हैं, लेकिन एआरएआई नहीं होने के चलते इन्हें वर्कशॉप से बाहर नहीं निकाला जा सकता.
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