लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आवास एवं शहरी नियोजन विभाग, आवास विकास परिषद व सभी शहरी विकास प्राधिकरणों (urban development authorities) की समीक्षा की और जरूरी दिशा-निर्देश दिए. बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा से विगत 05 वर्ष में उत्तर प्रदेश में विश्वस्तरीय नगरीय अवस्थापना सुविधाओं में अभूतपूर्व विस्तार हुआ है. आरआरटीएस और मेट्रो जैसी अत्याधुनिक नगरीय परिवहन हो या शुद्ध पेयजल, इंटीग्रेटेड टाउनशिप का विकास, एक्सप्रेस-वे की रफ्तार हो या कि कूड़ा प्रबंधन की व्यवस्था हर क्षेत्र में तकनीक की मदद से आम शहरवासी को 'ईज ऑफ लिविंग' का अनुभव हो रहा है.
- राजधानी लखनऊ आज मेट्रोपोलिटन सिटी (metropolitan city) के रूप में अत्याधुनिक नगरीय सुविधाओं से लैस हो रही है. विभिन्न नगरों से लोग यहां आकर अपना स्थायी निवास बनाना चाहते हैं. आस-पास के जिलों में भी जनसंख्या का दवाब बढ़ रहा है और कई बार अनियोजित विकास की शिकायतें भी मिलती हैं. ऐसे में भविष्य की आवश्यकता को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की तर्ज पर 'उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र' (Uttar Pradesh State Capital Region) का गठन किया जाना चाहिए. राजधानी क्षेत्र में लखनऊ के साथ-साथ उन्नाव, सीतापुर, रायबरेली, बाराबंकी, कानपुर नगर और कानपुर देहात को शामिल किया जा सकता है. सभी आयामों पर अध्ययन और विमर्श करते हुए यथाशीघ्र विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत की जाए.
प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप अगर हमें $1 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य प्राप्त करना है तो हमें शहरीकरण को बढ़ाना होगा. विकास प्राधिकरणों की भूमिका इसमें बहुत अहम है. निवेश, रोजगार और नवाचार के लिए तकनीक की मदद से विकास प्राधिकरणों को स्वतः स्फूर्त से आगे बढ़ना होगा. हमें नगरीय नियोजन का मॉडल देना होगा. सभी प्राधिकरण अपने विजन के अनुरूप ऐसे प्रयास करें
- विकास परियोजनाओं का निर्धारण करते समय आगामी 50 वर्षों की स्थिति को ध्यान में रखें. मास्टर प्लान में सुनियोजित विकास का पूरा खाका होना चाहिए. हर विकास प्राधिकरण, नगरीय निकाय में टाउन प्लानर की तैनाती की जाए. प्राधिकरणों को अपनी परियोजनाओं के लिए वित्तीय प्रबंधन भी खुद ही करने पर गम्भीरता से विचार करना होगा. नए शहर बसाने हों अथवा कोई अन्य ग्रीन फील्ड परियोजना इनकी प्लानिंग ऐसी हो कि यहां कॉमर्शियल गतिविधियों को बढ़ावा मिल सके. इससे प्राधिकरण को आय होगी, जो संबंधित परियोजना में उपयोग हो सकेगी.
- प्रधिकरणों और नगरीय निकायों में भूमाफियाओं के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ कठोरतम कार्रवाई का दौर लगातार जारी रहेगा. भूमि सरकारी हो या निजी, अवैध कब्जे की हर शिकायत पर पूरी संवेदनशीलता के साथ त्वरित कार्रवाई होगी. उत्तर प्रदेश में किसी गरीब के घर पर दबंग का कब्जा कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता.
- सभी प्राधिकरण, स्थानीय निकाय यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी किसी भी परिस्थिति में अवैध बस्तियां, रिहायशी कॉलोनी बसने न पाए. हर कॉलोनी में सभी जरूरी सुविधाएं हों.
- अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने की कार्ययोजना पर तेजी से कार्य किया जाए. यह प्रयास वैश्विक पटल पर अयोध्या को एक विशिष्ट पहचान देने वाला होगा. अयोध्या से पूरी दुनिया को ऊर्जा संरक्षण का महान संदेश मिलेगा. यहां के ऐतिहासिक स्थलों पर भित्ति चित्र कलाकृति, राम कथा गैलरी, ओपन एयर थियेटर से जुड़े का समय से पूरे होने चाहिए. रामायण परंपरा की 'कल्चरल मैपिंग' कराई जाए. इसी प्रकार, राम वन गमन पथ पर रामायण वीथिकाओं का निर्माण कराने की कार्यवाही हो.
- बरसाना में राधारानी के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं को जल्द ही रोप-वे की नई सुविधा मिल सकेगी. यह महत्वपूर्ण परियोजना इसी वर्ष दिसम्बर तक पूर्ण कर ली जानी चाहिए. इसी प्रकार, काशी में कैंट रेलवे स्टेशन से गिरजाघर तक बनने वाला रोप-वे आम जन को एक अनूठी नगरीय परिवहन व्यवस्था से परिचय कराएगा. इस परियोजना को शीर्ष प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ाया जाए.
- लखनऊ ग्रीन कॉरिडोर की विशिष्ट योजना को अगले जल्द से जल्द प्रारंभ करा दिया जाए. यह योजना लखनऊ को एक आकर्षक स्वरूप देने वाली होगी. नगर निगम के लखनऊ के दायरे को विस्तार दिया जाए. बटलर झील और सीजी सिटी में वेटलैंड के पुनरोद्धार के लिए तत्काल कार्यवाही की जाए.
- प्राधिकरण सीमान्तर्गत सभी आवासीय, निजी, शासकीय भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग को प्रोत्साहित किया जाए. इस संबंध में एक सुस्पष्ट नियमावली तैयार कर प्रस्तुत करें.