लखनऊ: योगी सरकार का कहना है कि पिछले पांच सालों में मुख्यमंत्री योगी ने जनशिकायतों का गुणवत्तापूर्ण एवं तुरंत निस्तारण अपनी शीर्ष प्राथमिकता में रखा है. इसके लिए वह स्वयं समीक्षा भी करते रहे हैं. इसी के अनुपालन में सीएम योगी ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश जारी किए है कि जनशिकायतों का जल्द से जल्द निस्तारण किया जाए.
सरकार ने निर्देश दिया है कि प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व पुलिस अधीक्षक, पुलिस कमिश्नरेट में पुलिस आयुक्त अपने कार्यालय में समस्त कार्य दिवसों में सुबह 10 से 11 बजे तक जनसुनवाई करें और वहीं पर समस्याओं का निस्तारण करें. यदि जनसुनवाई में अधिकारियों की अनुपस्थिति पाई जाती हैं और आईजीआरएस व सीएम हेल्पलाइन पर प्राप्त जनशिकायतों का गुणवत्तापूर्ण एवं त्वरित निस्तारण नहीं होता है. तो सम्बन्धित जिलास्तरीय अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
सीएम योगी के निर्देश के बाद मुख्य सचिव ने पत्र जारी किया है कि यदि किसी प्रार्थी की समस्या ज्यादा समय से लम्बित है, तो दूरभाष पर राजस्व व पुलिस अधिकारियों को निर्देशित कर प्राप्त समस्याओं का निस्तारण कराया जाए. विशेष कर भूमि सम्बन्धी विवाद में पुलिस आयुक्त, जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक यदि आवश्यक हो तो राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाकर कार्रवाई करें.
प्रदेश सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि जनसुनवाई के समय अधीनस्थ अधिकारियों, कर्मचारियों की यदि भ्रष्टाचार आदि की शिकायतें प्राप्त होती हैं तो कड़ी कार्रवाई की जाए. यदि कोई शिकायतकर्ता एक बार से अधिक शिकायत देता है तो समस्या के मूल कारण को समझकर दोषी कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. जनसुनवाई के वक्त जनप्रतिनिधियों से प्राप्त जनसमस्याओं का प्राथमिकता पर निस्तारण किया जाए. सीयूजी नम्बर पर वरिष्ठ अधिकारीगण स्वयं उत्तर दें.