लखनऊ: एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष एसीजेएम अम्बरीष कुमार श्रीवास्तव ने वर्ष 2000 में कारापाल और उप कारापाल पर हमला, जेल में पथराव और जानमाल की धमकी देने के एक मामले में अभियुक्त मुख्तार अंसारी पर सोमवार को आरोप तय कर दिया. थाना आलमबाग से सम्बंधित यह मामला 22 साल पुराना है. मामले की अगली सुनवाई 8 अप्रैल को होगी. सोमवार को मुख्तार अंसारी को बांदा जेल से पुलिस की चाक-चौबंद व्यव्स्था के बीच विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया.
कारापाल और उपकारापाल पर हमले का मामला
इस मामले की एफआईआर 3 अप्रैल 2000 को लखनऊ के कारापाल एसएन द्विवेदी ने थाना आलमबाग में दर्ज कराई थी. इस मामले में मुख्तार अंसारी, युसुफ चिश्ती, आलम, कल्लू पंडित और लालजी यादव आदि को नामजद किया गया था. एफआईआर के मुताबिक पेशी से वापस आए बंदियों को जेल में दाखिल कराया जा रहा था.
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इनमें से एक बंदी चांद को मुख्तार अंसारी के साथ के लोग बुरी तरीके से मारने लगे. आवाज सुनकर कारापाल एसएन द्विवेदी और उपकारापाल बैजनाथ राम चौरसिया तथा कुछ अन्य बंदी रक्षक उसे बचाने का प्रयास करने लगे. इस पर उन्होंने इन दोनों जेल अधिकारियों और प्रधान बंदी रक्षक स्वामी दयाल अवस्थी पर हमला बोल दिया.