लखनऊ. निकाय चुनाव (Civic elections) भाजपा संगठन में बदलाव का पैमाना होगा. निकाय चुनाव में शानदार प्रदर्शन करने के लिए नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है. अगर प्रदर्शन अच्छा रहा तो संगठन में पदोन्नति मिलेगी. सरकार में रुतबा बढ़ेगा और प्रदर्शन खराब होने के पर नेताओं की स्थिति भी खराब होगी.
भारतीय जनता पार्टी (BJP) प्रदेश संगठन की ओर से निकाय चुनाव को लेकर कमर कस ली गई है. नवंबर-दिसंबर में चुनाव हो सकते हैं. जिसको लेकर के भाजपा ने बड़ी तैयारी का ऐलान किया है. भारतीय जनता पार्टी ने अपने अलग-अलग क्षेत्रों के जिला प्रभारी घोषित कर दिए हैं. जिनके जरिए भाजपा ने सबसे पहले निकाय चुनाव का बिगुल फूंक दिया है. साथ ही प्रमुख मंत्रियों को जिलों का प्रभार भी दे दिया गया है.
भारतीय जनता पार्टी ने डॉ. महेंद्र सिंह, पंकज सिंह, केपी मलिक, असीम अरुण, अमित अग्रवाल, पुरुषोत्तम खंडेलवाल, जसवंत सैनी, रामनरेश अग्निहोत्री, महेश गुप्ता, ब्रजेश पाठक, अश्वनी त्यागी, धर्मपाल सिंह, गोपाल अंजान, जयवीर सिंह, राजेश चौधरी, कपिल देव अग्रवाल, हरीश शाक्य, लक्ष्मी नारायण, स्वतंत्र देव सिंह, बेबी रानी मौर्य, सुरेश कुमार खन्ना, सूर्य प्रताप शाही, जितिन प्रसाद, केशव प्रसाद मौर्य, अरुण सक्सेना जैसे बड़े नेताओं को जिला प्रभारी बनाए हैं. इनके अलावा सह प्रभारी और संयोजक भी लगा दिए गए हैं. सभी के नामों की घोषणा कर दी गई है. इसके अलावा सह प्रभारी के तौर पर अनेक नेताओं को तैनात किया गया है.
सूत्रों के अनुसार निकाय चुनाव (Civic elections) के बाद भाजपा संगठन में बड़े बदलाव किए जाएंगे. इसका निर्णय नेताओं और पदाधिकारियों के प्रभार के क्षेत्र में प्रदर्शन के आधार पर होगा. जिसको लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेता अपने अपने प्रभार के निकाय क्षेत्र में पूरे जोर-शोर से जुटे गए हैं.
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