लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi government of Uttar Pradesh) ने विशेष अनुसंधान दल (SIT) का नाम बदल दिया है. गृह विभाग ने बयान जारी करते कहा कि विशेष अनुसंधान दल (SIT) का नाम अब राज्य विशेष अनुसंधान दल, यूपी कर दिया गया है. यह फैसला इसलिये लिया गया है ताकि केंद्र व राज्य की विशेष अनुसंधान दल की अलग-अलग पहचान की जा सके.
एसआईटी का बदला नाम, अब हुआ एसएसआईटी - changed name of SIT
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi government of Uttar Pradesh) ने विशेष अनुसंधान दल (SIT) का नाम बदल दिया है. गृह विभाग ने बयान जारी करते कहा कि विशेष अनुसंधान दल (SIT) का नाम अब राज्य विशेष अनुसंधान दल, यूपी कर दिया गया है.
उल्लेखनीय है कि यूपी सरकार ने 16 जून 2007 को विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था. एसआईटी के गठन का उद्देश्य था कि एक बहु-अनुशासनात्मक जांच एजेंसी बनाई जा सके जो प्रभावशाली व्यक्तियों और लोक सेवकों से जुड़े मामलों की प्रभावी ढंग से जांच कर सके. एसआईटी सिर्फ जांच ही नहीं करती है, बल्कि जिस मामले की जांच की है उनसे संबंधित अभियोजन व अग्रिम कार्रवाई की भी निगरानी करती है.
सरकार द्वारा एसआईटी को दिये गये अधिकार के मुताबिक, जांच करने के बाद एसआईटी विभागीय कार्रवाई करने के लिये भी सिफारिश कर सकती है. कार्रवाई हुई या नहीं इसकी भी एसआईटी निगरानी करती है. एसआईटी जांच के लिये गृह या संबंधित विभाग का प्रमुख निर्देश दे सकता है. यही नहीं एसआईटी किसी भी विभाग का सहयोग अपनी जांच के लिये ले सकती है, जिसके पास जरूरी तकनीकि व विशेषज्ञता हो.
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राज्य एसआईटी का कार्यालय लखनऊ में स्थित है. एसआईटी का प्रमुख डीजी स्तर का आइपीएस अधिकारी होता है. वर्तमान समय में रेणुका मिश्रा डीजी एसआईटी हैं. उनके अलावा एक डीआइजी, 2 एसपी, 2 एडिशनल एसपी व डिप्टी एसपी और इंस्पेक्टर तैनात होते हैं. एसआईटी से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिये विशेष न्यायाधीश, भ्रष्टाचार निरोधक (मध्य) लखनऊ की अदालत को अधिकार क्षेत्र दिया गया है.
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