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कोविड के बाद से नहीं लग रहे चिकनपॉक्स का टीका, जानिए मंकीपॉक्स को लेकर क्या बोले चिकित्सक

प्रदेश में मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी है. जानकारों का कहना है कि मंकीपॉक्स के लक्षण दिखें तो तुरंत सतर्क हो जाएं. संक्रमण से बचाव के लिए केंद्र से जारी की गई एडवाइजरी को सभी 75 जिलों में भेज दिया गया है.

मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स

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Published : Aug 1, 2022, 8:24 PM IST

लखनऊ : प्रदेश में मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी है. मंकीपॉक्स को लेकर लोगों के मन में तमाम तरह के सवाल हैं. जानकारों का कहना है कि मंकीपॉक्स के लक्षण दिखें तो तुरंत सतर्क हो जाएं. खुद को आइसोलेट कर लें और जांच भी तुरंत कराएं. संक्रमण से बचाव के लिए केंद्र सरकार से जारी की गई एडवाइजरी को सभी 75 जिलों में भेज दिया गया है. कोविड अस्पताल में 10 बेड मंकीपॉक्स के लिए रिजर्व करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा लक्षण मिलने पर 21 दिन के आइसोलेशन और ट्रिपल लेयर मास्क की भी हिदायत दी गई है.

सिविल अस्पताल के फिजिशियन डॉ. आनंद कुमार श्रीवास्तव बताते हैं कि चिकनपॉक्स का टीका फिलहाल नहीं लग रहा है. जब से कोविड शुरू हुआ उसके बाद से बच्चों का टीकाकरण बंद था. उन्होंने बताया कि मंकीपॉक्स, स्मॉलपॉक्स और चिकनपॉक्स में कोई खास अंतर नहीं है. यह सभी आर्थोपॉक्स फैमिली के हैं, लेकिन इनके असर अलग-अलग हो सकते हैं. इनमें सबसे अहम बात यह है कि मंकीपॉक्स में दाने या चकत्ते पड़ते हैं. वह पहले चेहरे पर नजर आते हैं. स्मॉलपॉक्स या चिकनपॉक्स के केस में दाने और पेट या पीठ के हिस्से में पहले आते हैं. इसके अलावा दोनों के इनक्यूबेशन पीरियड में भी फर्क है. मंकीपॉक्स के लक्षण 7 से 14 दिन बाद ही दिखाई पड़ते हैं, इसलिए इसको लेकर अलर्ट होने की जरूरत है.

सिविल अस्पताल के फिजिशियन डॉ आनंद कुमार श्रीवास्तव

उन्होंने बताया कि चिकनपॉक्स वैक्सीन का नाम वेरीकाला वैक्सीन है. इसकी उम्र 12 से 18 महीने के बीच होती है. बच्चों को इस वैक्सीन की अधिक जरूरत होती है, वरना वह तमाम बीमारियों से घिरे रहते हैं. वहीं जिनको यह टीका लगा होता है, उनमें चिकनपॉक्स या स्मॉलपॉक्स होने की संभावना है न के बराबर होती है.

ऐसे बरतें सावधानी

- 21 दिन तक खुद को आइसोलेट करें.
- पार्टनर से कुछ दिन तक दूरी बनाकर रखें.
- मनोबल कम न होने दें. मंकीपॉक्स कोई बड़ा खतरा नहीं है, यह सोचकर आप अंदर से निडर रहें.
- अगर आपको तेज बुखार है और शरीर पर चकत्ते हैं तो तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर से परामर्श लें.
- इस दौरान पालतू जानवरों से दूर रहें.
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- ट्रिपल लेयर मास्क का प्रयोग करें.
- गंभीर लक्षण में पैन थेरेपी से इलाज होगा.
- अगर आपको लगता है आपकी तबीयत ज्यादा खराब है और आपको डॉक्टर की निगरानी में रहना है तो आप अस्पताल में भर्ती रहें.
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