लखनऊ : उत्तर प्रदेश में हर साल साइबर क्राइम के केस (cyber crime cases) में 20 फीसदी इजाफा हो रहा है. जालसाजी कर ऑनलाइन वॉयलेट से पैसे निकालना ठगों का पुराना ट्रेंड हो चुका है. क्रिमनल्स अब चीन के इशारों पर लोगों से साइबर ब्लैकमेलिंग (cyber blackmailing) कर करोड़ों की ठगी कर रहे हैं. यही नहीं ब्लैकमेलिंग के चलते लोग सुसाइड भी करने पर आमादा हैं. ऐसे में आप की जरा सी सावधानी आपको बड़े अपराध में फंसने, अपना सब कुछ खोने से बचा सकती है.
सेक्सटॉर्शन और बिन मांगे लोन देने के बाद वसूली करने के नाम पर ब्लैकमेलिंग करने वाले साइबर क्रिमिनल्स ने उत्तर प्रदेश में अपने पैर पसार लिए हैं. 'सेक्सटॉर्शन' के जरिए जहां यह ठग पहले अपने शिकार को वीडियो कॉल करते हैं और फिर नेकेड वीडियो के साथ शिकार की फोटो रिकॉर्ड कर ब्लैकमेलिंग की जाती है. यह ब्लैकमेलिंग का सिलसिला तब तक नहीं खत्म होता है जब तक शिकार के पास में एक-एक रुपया इन लोगों के पास पहुंच नहीं जाता. यही नहीं 'लोन ऐप' के जरिए इन साइबर क्रिमनल्स ने गांव से लेकर शहर तक लोगों को अपनी ज़द में ले लिया है. पहले बिन मांगे लोगों के अकाउंट में 8 से 10 हजार रुपये डाल दिए जाते हैं और फिर उनके सोशल मीडिया अकाउंट (social media accounts) को हैक कर उनसे कांटेक्ट नंबर निकाले जाते हैं. शिकार की फोटो को एडिटकर 9000 के बजाय लाखों रुपए की वसूली करते हैं और ना देने पर फेक फोटो वायरल करने की धमकी देते हैं.
केस 1 : हेमंत (बदला हुआ नाम) लखनऊ में अकेले रहकर एक बड़ी कंपनी में काम करता है. पत्नी और बच्चे गांव में रहते हैं तो काम से थकहार कर रात का समय सोशल मीडिया में चैट कर थोड़ा मनोरंजन कर लेता है. उसके सोशल मीडिया पर कई दोस्त भी हैं, लेकिन एक दोस्ती हेमंत को बहुत भारी पड़ गई. सोशल मीडिया को चेक करते वक्त अचानक हेमंत को एक सुंदर लड़की फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजती है. थोड़ी देर लड़की ने चैट की और उसके बाद उसने वीडियो चैट की पेशकश कर दी. वीडियो कॉल करते ही लड़की ने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए. उसने हेमंत को भी ऐसा करने पर उकसाया. लड़की का जुनून हेमंत के सिर पर सवार था. उसने अपने सारे कपड़े उतार दिए. अगले ही दिन हेमंत के जुनून की खुमारी उतर गई. चैट पर उस लड़की ने उसे धमकाया कि उसके पास हेमंत की सेक्स रिकार्डिंग है. अगर रुपये नहीं मिले तो वह वीडियो उसके परिवार और दोस्तों को भेज दिया जाएगा. हेमंत ने घबराकर तुंरत चैट बंद कर दी. सोशल मीडिया अकाउंट डिलीट कर दिया, लेकिन यह उस गलती का हल तो नहीं था जो हेमंत कर चुका था. थोड़ी देर बाद इस गैंग ने हेमंत का नंबर पताकर उसके व्हाट्सअप पर सारे वीडियो और दोस्तों के नंबर भेजे. धमकी दी कि अगर पैसे नहीं दिए तो वो ये वीडियो दोस्तों को भेज देगी. हेमंत बहुत घबरा चुका था, लेकिन उसने समझदारी से काम लिया और ये बात अपने दोस्त से शेयर कर ली. दोस्त ने उसे फौरन लखनऊ साइबर सेल में शिकायत करने को कहा.
केस 2 : लखनऊ के सरोजनीनगर के रहने वाले अनुभव (बदला हुआ नाम) को सितंबर 2022 को अचानक एक फोन आता है और कॉल करने वाली एक लड़की होती है और वह बोलती है कि आपने उनकी कंपनी से 9000 लोन लिया था. इसे 2 दिन के अंदर अगर आपने वापस नहीं किया तो आप के जितने भी निकटतम लोग हैं उन तक कॉल कर उन्हें बदनाम किया जाएगा. अनुभव को एक बार में यह पता ही नहीं चला कि उन्होंने कोई लोन भी लिया है. जब उन्होंने अपना बैंक स्टेटमेंट निकलवाया तो उसमें किसी एक एप्लीकेशन से उनके अकाउंट में 2 महीने पहले 9 हजार रुपये क्रेडिट हुए थे. दो दिन बाद अनुभव को व्हाट्सएप कॉल फिर आती है, बोला जाता है कि आप अपना व्हाट्सएप चेक करिए जिसके बाद वो व्हाट्सएप चेक करते हैं तो उनके व्हाट्सएप उनके सभी रिश्तेदारों के फोन नंबर थे और कहा गया था कि एक घंटे के अंदर अगर 50,000 रुपए नहीं जमा किये तो उनके सभी कांटेक्ट नंबर पर वसूली के लिए कॉल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि आपने सिर्फ 9000 ही उनके अकाउंट में डाला था, जिसके बाद फिर से उनके पास मैसेज आता है और उनकी पत्नी की नेकेड तस्वीर भेजी जाती है और कहा जाता है कि सभी लोगों को यह भेजी जा रही है. एक दिन बाद अनुभव को उनके रिश्तेदारों को कॉल आता है और कहा जाता है कि आपकी पत्नी की फोटो उन तक पहुंची है. ऐसे में घबड़ाहट में अनुभव पुलिस स्टेशन शिकायत करने जाते हैं तो उनसे उसी तस्वीर की फोटो मांगी जाती है, लेकिन लोक लज्जा के चलते अनुभव फोटो नहीं दे पाते हैं और FIR नहीं दर्ज की जाती है.
क्या होती है साइबर ब्लैकमेलिंग :उत्तर प्रदेश के जाने माने साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे बताते हैं कि ऑनलाइन वर्ल्ड में किसी भी तरह से डराकर व धमकाकर पैसे मांगे जा रहे हैं तो इसे साइबर ब्लैकमेलिंग कहते हैं. यह ब्लैकमेलिंग तीन कारणों से होती है.
पहला तरीका : आपको कोई वीडियो कॉल करता है और गलती से उठा लेते हैं और वीडियो कॉल को देखते हैं कि सामने कोई लड़की बैठी होती है और कॉल उठते ही कपड़े उतारने लगती है. यदि आप 3 से 4 सेकेंड देख लेते हैं तो उसका एक स्क्रीन रिकॉर्डिंग आपको देखते हुए रिकॉर्ड कर लेते हैं और फिर से रिपीट मोड में 1:30 मिनट का बनाकर आपको भेजते हैं और कहा जाता है कि आपके रिश्तेदारों को परिचितों को यह वीडियो भेज दिया जाएगा और फिर पैसे मांगे जाते हैं.
दूसरा तरीका : कई बार आपको पुलिस की तरफ से कॉल किया जाता है और यह कहा जाता है कि मैं क्राइम ब्रांच से बोल रहा हूं. आप का वीडियो देखा था उस वीडियो में कुछ आपत्तिजनक चीजें थीं वह रिकॉर्ड कर लिया गया है. आपके ip-address के जरिए ट्रेस कर अरेस्ट करने पहुंच रहा हूं. फिर उसी के द्वारा एक नंबर बताया जाता है कि इस नंबर पर कॉल करके इस वीडियो को डिलीट करा लीजिए. अक्सर डरकर इस नंबर को डिलीट करने के लिए कॉल की जाती है तो पेमेंट मांगा जाता है.
तीसरा तरीका :मौजूदा समय सबसे अधिक लोन ऐप के जरिए ब्लैकमेलिंग हो रही है. जिसके तहत इंटरनेट पर लोन ऐप होते हैं. जिसमें 5000 से लेकर 10000 तक का लोन दिया जाता है. ऐप लोन लेने वालों के मोबाइल से सभी कांटेक्ट नंबर कॉपी का कर लेते हैं. जब लोन लेने वाले पूरा भुगतान कर देते हैं तो उसके बाद उनका असली गेम शुरू होता है. ठग और पैसे मांगते हैं वे लाखों तक वसूली करने की कोशिश करते हैं. अगर आप पैसा देने के बाद मना कर देते हैं फिर उनकी ब्लैकमेलिंग शुरू होती है. आपकी पिक्चर को एडिट करते हैं और परिचितों को भेजते हैं. इसके कारण कई बार सुसाइड की घटनाएं भी होती हैं.
साइबर ब्लैकमेलिंग से कैसे बचें?
साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे कहते हैं कि अब आपको यह समझना होगा कि साइबर ब्लैकमेलिंग अगर आपको हो रही है तो आप को डरना नहीं है. सबसे पहले आप अगर लोन ऐप के जरिए आप से ब्लैकमेलिंग हो रही है तो आप उन नंबरों को ब्लॉक कर दीजिए. भारत सरकार कई ऐसी चाइनीस ऐप को ब्लॉक भी कर रही है. फिलहाल अभी भी कुछ मौजूद हैं. यही नहीं सेक्सटॉर्शन के जरिये कोई वीडियो बन गया है और पैसा मांग रहा है तो उसको ब्लॉक कर दें. अगर आप ब्लॉक कर देंगे तो वह कभी भी कहीं वीडियो नहीं डालेगा. क्योंकि ऐसे लोग सिर्फ आप को डराकर ही पैसा कमाना चाहते हैं. अगर आप डर गए और आपने एक बार पैसा दे दिया तो वह बार-बार आपसे पैसा मांगेगा. वह कभी खत्म नहीं होगा, इसलिए पैसे नहीं देना है.