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राजधानी में फैल रहा वायरल फीवर, सपा नेता केपी यादव की डेंगू से मौत - सपा नेता केपी यादव की डेंगू से मौत

हजरतगंज स्थित सिविल अस्पताल में रोजाना डेढ़ सौ से अधिक संचारी रोग से पीड़ित मरीज इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं. यही हाल राजधानी के बलरामपुर अस्पताल का है. यहां भी 100 से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. वहीं राजधानी में भर्ती सपा नेता की डेंगू से मौत हो गयी.

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Published : Aug 31, 2021, 7:03 PM IST

लखनऊ: राजधानी में तेजी से पांव पसार रहे संचारी रोगों से बड़ी संख्या में लोग परेशान हैं. हजरतगंज स्थित सिविल अस्पताल में रोजाना डेढ़ सौ से अधिक संचारी रोग से पीड़ित मरीज इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं. यही हाल राजधानी के दूसरे जिला अस्पताल बलरामपुर का है. यहां भी 100 से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. वर्तमान में डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड, हैजा और मच्छर जनित बीमारियां अधिक फैल रही है.

जानकारी देते सिविल अस्पताल के सीएमएस एसके नंदा

जौनपुर निवासी सपा नेता केपी यादव दर्जा प्राप्त मंत्री रहे थे. उन्हें कई दिनों से बुखार था. स्थानीय अस्पताल में जांच कराई तो जांच डेंगू की पुष्टि हुई. इलाज के बावजूद मरीज की तबीयत बिगड़ती चली गई. सोमवार रात को केपी यादव को मेदांता हॉस्पिटल की इमरजेंसी में भर्ती किया गया था. हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. राकेश कपूर के मुताबिक डेंगू बुखार की वजह से उनके अंगों ने काम करना बंद कर दिया था. मंगलवार सुबह इलाज के दौरान सपा नेता केपी यादव की सांसे थम गईं.

डॉक्टरों का इंतजार करते मरीज

सिविल अस्पताल के सीएमएस एसके नंदा ने बताया कि राजधानी में इस समय संचारी रोग तेजी से फैला रहा है और कुछ इलाकों में बहुत ज्यादा फैल गया है. जिसमें डालीगंज, बालू अड्डा और फैजुल्लागंज शामिल है. कई मरीजों की संचारी रोग की वजह से मौत भी हो चुकी है. हैजा के कारण 4 बच्चों की भी मौत हो गयी थी. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अगर किसी व्यक्ति को जुकाम बुखार होता है और तीन दिन से अधिक बुखार बना हुआ है तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर अपना चेकअप कराएं. क्योंकि संचारी रोग में बुखार जल्दी उतरता नहीं है बल्कि लंबे समय तक बना रहता है.

अस्पताल में मरीज को लाते परिजन

इसकी वजह से टाइफाइड, निमोनिया, मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारियां घेर लेती हैं.यूपी की एक्सपर्ट कमिटी ने अगस्त से अक्टूबर तक कोरोनावायरस की आशंका जताई थी. वहीं जुलाई और अगस्त में बारिश से जलभराव और वातावरण में नमी बढ़ गई है. ऐसे में मच्छर जनित बीमारियों के साथ-साथ संक्रामक रोगों का भी खतरा बढ़ गया है. लिहाजा सरकार ने राज्य भर में 1 से 31 जुलाई तक संचारी रोग अभियंत्रण अभियान चलाया था. वर्तमान में दस्तक अभियान चल रहा है. अगस्त में भी लगातार बारिश हुई. जिसकी वजह से संचारी रोग पर रोक नहीं लग पाई है. वर्तमान में भी बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं. ज्यादातर लोगों की रिपोर्ट में लंबे समय तक बुखार के बाद टाइफाइड निकल रहा है.

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दस्तक अभियान में फ्रंटलाइन वर्कर्स के साथ आशा और आंगनबाड़ी वर्कर्स भी अपना सहयोग प्रदान कर रहे हैं. चिकित्सा स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. डीएस नेगी के मुताबिक अभियान में गांव मोहल्लों की टीम निगरानी कर रही हैं. साथ ही निगरानी समिति के सदस्य घर-घर मरीजों को खोज रहे हैं, जिसके बाद उन्हें दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही हैं. जिन इलाके में संचारी रोग का प्रभाव अधिक है. वहां पर स्वास्थ्य केंद्र बनाया जा रहे हैं ताकि लोगों को निशुल्क और जल्द दवा मिल सके.

संचारी रोग से बचाव

  • स्वच्छ पानी का इस्तेमाल करें. अगर मिनरल वॉटर नहीं है तो 100° सेल्सियस पर पानी को उबालकर ठंडा करके पिए.
  • बाहर के खाने से बचें.
  • बासी बचा हुआ खाना बिल्कुल भी न खाएं.
  • फ्रिज में रखे ठंडे पानी का सेवन न करें.
  • अगर आपको सर्दी जुकाम है तो अलग कमरे में रहें. घर पर छोटे बच्चे हैं तो उनसे दूरी बनाए रखें.
  • मौसमी फल व सब्जियों का सेवन करें. मौसमी से इतर किसी भी चीज का सेवन न करें.
  • डेंगू और मलेरिया से बचने के लिए सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें.
  • संचारी रोग से बचने के लिए अपने घर को और घर के आसपास का वातावरण स्वच्छ रखें.
  • कूलर, फ्रिज व घर के बाहर गड्ढों में पानी जमा न होने दें. समय-समय पर गढ्ढों में केमिकल का छिड़काव करते रहें.

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