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सोलर पंप लगाकर आमदनी बढ़ा सकते हैं किसान: कुलपति - solar pump

बख्शी का तालाब के उमर भारी गांव में जागरूकता एवं प्रशिक्षण अभियान शुरू किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार, कृषि विभाग एवं नेडा के अधिकारी मौजूद रहे.

लखनऊ विश्वविद्यालय
लखनऊ विश्वविद्यालय

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Published : May 23, 2022, 6:19 PM IST

लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग और नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा संस्थान के द्वारा मार्ग प्रकाशक एवं सोलर पैनल जागरूकता एवं प्रशिक्षण अभियान का आयोजन किया गया. अभियान का आयोजन बख्शी का तालाब के प्रगतिशील किसान गांव में किया गया. इस दौरान कई प्रगतिशील किसानों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.

रविवार को विश्वविद्यालय द्वारा बख्शी का तालाब के उमर भारी गांव में जागरूकता एवं प्रशिक्षण अभियान शुरू किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार, कृषि विभाग एवं नेडा के अधिकारी मौजूद रहे. कार्यक्रम को लेकर ईटीवी से बातचीत के दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने बताया कि आज के परिवेश में ग्रीन एनर्जी किसानों की आय को बढ़ाने का अच्छा साधन है. इसके द्वारा सोलर पंप लगाकर किसान कम खर्च में आमदनी बढ़ा सकता है. उन्होंने बताया कि नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा संस्थान लखनऊ जिले के 15 किलोमीटर के आसपास के गांव में सोलर पैनल मार्ग प्रकाशक पर कार्य कर रहा है .

जागरूकता एवं प्रशिक्षण अभियान
उत्तर प्रदेश नोएडा के संयोजक राकेश अग्रवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत सोलर पैनल लगाए जाते हैं. अभी तक पूरे प्रदेश में 36494 सोलर पंप स्थापित किए गए हैं. उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर एके मिश्रा ने बताया कि सरकार किसानों को सोलर पंप लगाने के लिए सब्सिडी देती है. जिसमें 60% केंद्र एवं प्रदेश सरकार अनुदान देती है और 40% किसान को खर्च करना पड़ता है. डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि 3 एचपी एसी समर्सिबल पंप की लागत 276137 रुपये है. जिसमें किसानों को 73384 रुपये अपने पास से खर्च करना पड़ता है. शेष धनराशि केंद्र व प्रदेश सरकार अनुदान देती है. वहीं 5 एचपी एसी समर्सिबल पर 372126 रुपये का कुल खर्च आता है. जिसमें 109255 रुपये किसान को अपने पास से खर्च करना होता है तथा शेष धनराशि केंद्र एवं राज्य सरकार अनुदान देती है.

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डायरेक्टर प्रोफेसर ज्योत्सना सिंह ने बताया कि लखनऊ विश्वविद्यालय ने परिधि से 15 किलोमीटर के गांव को अंगीकृत किया है. जिसमें सोलर पंप के प्रचार-प्रसार व सोलर पंप में आ रही समस्याओं का निदान विश्वविद्यालय ने प्रारंभ किया है. इसके लिए उन्होंने प्रत्येक गांव में 2 छात्रों की ड्यूटी लगाई है जो सोलर पंप का समय-समय पर निरीक्षण करेंगे और निदान करेंगे. कार्यक्रम में लखनऊ विश्वविद्यालय की विभागाध्यक्ष ने बताया कि आज के समय में सौर ऊर्जा अच्छा साधन है. इसे अपनाकर किसान लाभान्वित हो सकते हैं. प्रशिक्षण में कृषि विभाग के एडीओ एजी लालता प्रसाद, विजय शंकर मिश्रा, कृषि तकनीकी सहायक डॉ प्रदीप कुमार सैनी, लखनऊ विश्वविद्यालय के शोध छात्र हिमांशु, आयुषी मिश्रा समेत गांव के किसान हेमंत कुमार सिंह, दुर्गेश कुमार सिंह सहित क्षेत्र के 70 से अधिक प्रगतिशील किसानों ने प्रतिभाग किया.

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