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बसपा नेता नकुल दुबे पार्टी से निष्कासित, जानें क्या रही वजह

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बसपा नेता नकुल दुबे पार्टी से निष्कासित

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Published : Apr 16, 2022, 9:35 PM IST

Updated : Apr 16, 2022, 10:37 PM IST

बसपा प्रमुख

21:27 April 16

बसपा प्रमुख ने कद्दावर नेता और ब्राह्मण चेहरा पूर्व मंत्री नकुल दुबे को पार्टी से किया बाहर

लखनऊ: यूपी विधानसभा में करारी शिकस्त के बाद बसपा प्रमुख मायावती आक्रामक मूड में हैं. उन्होंने कई फेरबदल करने के बाद अब पूर्व मंत्री और पार्टी के ब्राह्मण नेता नकुल दुबे को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. वहीं, पेशे से वकील नकुल दुबे को लेकर भगवा दामन थामने के कयास लगाए जा रहे हैं.

बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट किया कि पूर्व मंत्री नकुल दुबे को पार्टी में अनुशासनहीनता व पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण निष्कासित कर दिया गया है. इस संबंध में नकुल दुबे ने कुछ भी बोलने से इंकार किया. उन्होंने कहा कि उन्हें अभी ट्वीट के जरिए पता चला. अभी कुछ नहीं कहना है. गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में इस बार नकुल दुबे बतौर प्रत्याशी मैदान में नहीं उतरे थे. वहीं, पार्टी के लिए ब्राह्मण बहुल सीटों पर दौरा व सभाएं करते रहे. इस दौरान उनके प्रभाव वाली लखनऊ की बीकेटी सीट भी बसपा हार गई. इसे लेकर भी पार्टी के अंदर सवाल उठ रहे थे.

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जानें नकुल दुबे का सफर :पेशे से अधिवक्ता नकुल दुबे इससे पहले बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. लखनऊ के थाना बक्शी का तालाब अंतर्गत भोला पुरवा रुदही गांव के मूल निवासी नकुल दुबे ने वर्ष 1984 में विद्यांत हिन्दू डिग्री कॉलेज लखनऊ से बीए की डिग्री ली. 1987 में लखनऊ विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री लेकर लखनऊ हाईकोर्ट में वकालत शुरू की.

राजनीति में रुझान होने से वर्ष 2007 में महोना से बसपा के सिंबल पर विधायक निर्वाचित हुए. फिर बसपा सरकार में इन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया. 2012 में दुबे ने लखनऊ जिले के बख्शी का तालाब निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ा. वह कुछ मतों के अंतर से हार गए. इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में दुबे लखनऊ में प्रत्याशी के रूप में खड़े हुए. साल 2019 में उन्होंने बसपा सीट पर सीतापुर से लोकसभा चुनाव लड़े, दोनों चुनाव हार गए.

कर्नाटक मामले पर जांच की मांग :मायावती ने ट्वीट किया कि कर्नाटक में वरिष्ठ मंत्री ईशवरप्पा से जुड़े ठेकेदार आत्महत्या मामले में व्यापक जनाक्रोश है. इसके कारण मंत्री को इस्तीफा देना पड़ा. वहीं, कर्नाटक भाजपा सरकार में जारी कथित 40 प्रतिशत ’कमीशन’ के खेल का अंत कैसे होगा? इसकी न्यायिक जांच जरूर होनी चाहिए ताकि आगे ऐसी कोई दुःखद घटना न हो.

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Last Updated : Apr 16, 2022, 10:37 PM IST

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