लखनऊ : दिसंबर में प्रस्तावित नगर निकाय चुनाव (Civic Election) में शानदार जीत दर्ज करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने रणनीति तैयार कर ली है. पिछले चुनाव में नगर निकाय की जिन सीटों पर भाजपा जीत दर्ज नहीं कर पाई थी. ऐसी सीटों पर पार्टी का विशेष फोकस है. इसके लिए वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों को जिम्मेदारी देने का फैसला किया गया है. इसके अलावा भाजपा ने सभी नगर निकायों में घर घर सम्पर्क की योजना बनाई है.
भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) नगर निकाय चुनाव में शानदार जीत के लिए फूलप्रूफ प्लान तैयार कर रही है। इस कड़ी में वरिष्ठ नेताओं के अलावा राज्य सरकार के मंत्रियों की भी जिम्मेदारी तय की जा रही है. वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों से नगर निकायों के क्षेत्र में जाकर लोगों को सरकार की उपलब्धियों और क्षेत्र में कराए गए कामकाज को बताने की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है.
खास बात यह है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले नगर निकाय चुनाव को भाजपा सेमीफाइनल के रूप में देख रही है. इसी रणनीति (strategy) से पार्टी निकाय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. वर्ष 2017 में नगर निकाय के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश में 16 में से 14 सीट पर जीत दर्ज की थी जबकि अलीगढ़ और मेरठ में भारतीय जनता पार्टी चुनाव नहीं जीत पाई थी. इन दोनों सीटों पर बहुजन समाज पार्टी ने कब्जा किया था. इसके अलावा करीब 450 से अधिक वार्डों के पार्षद वाले चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी के पार्षद चुनाव नहीं जीत पाए थे. ऐसे में इन सीटों पर जीत को लेकर खास रणनीति तैयार की गई है.
इसके अलावा नगर पालिका की करीब 100 ऐसी सीटें थीं जिन पर भारतीय जनता पार्टी चुनाव जीत नहीं पाई थी. नगर पंचायत अध्यक्ष वाली करीब 130 सीटें ऐसी थीं जिन पर हार मिली. ऐसे में अब भारतीय जनता पार्टी इन हारी हुई सीटों को जीतने की रणनीति बना रही है. रणनीति के तहत वरिष्ठ नेता और मंत्रियों को संबंधित नगर निकाय चुनाव वाले जिलों का प्रभारी बनाया गया है. इन नेताओं और मंत्नियों को क्षेत्र में डेरा डालकर चुनाव जिताने की रणनीति पर का काम करना है.